Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

        एक और रिवायत में येह भी है कि आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने पूछा : तुम कब से इस त़रह़ नमाज़ पढ़ रहे हो ? उस ने कहा : चालीस साल से । फ़रमाया : तुम ने चालीस साल से बिल्कुल नमाज़ ही नहीं पढ़ी और अगर इसी ह़ालत में तुम्हें मौत आ गई, तो दीने मुह़म्मदी عَلٰی صَاحِبِھَاالصَّلٰوۃُ  وَ السَّلَام     पर नहीं मरोगे ।

(نسائی،کتاب السہو،باب تطفیف الصلوۃ، ص۲۲۵، حدیث: ۱۳۰۹)

اَلْاَمَان وَ الْـحَفِیْظ अल्लाह तआला हमारे ईमान की ह़िफ़ाज़त फ़रमाए ।

ख़ुदाया बुरे ख़ातिमे से बचा ले

गुनहगार है जां बलब या इलाही !

(वसाइले बख़्शिश)

اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

सुकून व इत़मीनान से नमाज़ पढ़ने की ता'लीम

        ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है कि रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मस्जिद में तशरीफ़ लाए । एक शख़्स आया और उस ने नमाज़ पढ़ी फिर नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में ह़ाज़िर हो कर आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को सलाम किया । आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने सलाम का जवाब दिया और इरशाद फ़रमाया : जाओ नमाज़ पढ़ो !