Book Name:Allah waloon ki Namaz
नमाज़े बा जमाअ़त की बे मिसाल पाबन्दी
ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम बिन अ़रअ़रह رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : ह़ज़रते सय्यिदुना यह़या बिन क़त़्त़ान عَلَیْہِ رَحْمَۃُ الْمَنَّان जब ह़ज़रते सय्यिदुना इमाम आ'मश رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ का ज़िक्र करते, तो फ़रमाते : वोह बहुत इ़बादत गुज़ार थे और नमाज़े जमाअ़त और पहली सफ़ की पाबन्दी किया करते थे । आप ने येह भी फ़रमाया कि ह़ज़रते सय्यिदुना इमाम आ'मश رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ इस्लाम की निशानी (या'नी निहायत ज़ई़फ़ुल उ़म्र) थे और आप दीवार का सहारा लेते लेते पहली सफ़ तक पहुंच जाया करते थे । (حلیۃ الاولیاء ،سلیمان الاعمش،۵/۵۸،رقم:۶۳۱۰)
मैं साथ जमाअ़त के पढ़ूं सारी नमाज़ें
अल्लाह ! इ़बादत में मेरे दिल को लगा दे
(वसाइले बख़्शिश)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ एक मरतबा सख़्त बीमार हुवे, बिल आख़िर ऑप्रेशन का तै़
हुवा । चुनान्चे, 21 दिसम्बर सिने 2002 ई़सवी को राजपुताना अस्पताल में दाख़िल (Admit) हुवे । डॉक्टर साह़िब ने दोपहर