Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

या शाम को ऑप्रेशन का वक़्त देना चाहा, तो फ़रमाया कि मैं चाहता हूं कि मेरी कोई नमाज़ बेहोशी में रह न जाए, लिहाज़ा नमाज़े इ़शा के बा'द का तै़ हुवा । ऑप्रेशन से पहले दोनों हाथ टेबल के अत़राफ़ में बांध दिये गए और बा'द में जैसे ही खोले गए आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने फ़ौरन ही क़ियामे नमाज़ की त़रह़ बांध लिये । अभी नीम बेहोशी त़ारी थी, दर्द से कराहने या चिल्लाने के बजाए ज़बान पर ज़िक्रो दुरूद और मुनाजात का सिलसिला जारी हो गया, यकायक आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने पूछा : क्या नमाज़े फ़ज्र का वक़्त हो गया ? अगर हो गया है, तो मुझे पाक कर दिया जाए, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ मैं फ़ज्र की नमाज़ पढ़ूंगा । उन को बताया गया कि फ़ज्र को अभी काफ़ी देर है ।

(अमीरे अहले सुन्नत के ऑप्रेशन की ईमान अफ़रोज़ झल्कियां, स. 1 - 3, मुलख़्ख़सन)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! क़ुरआने पाक में जा बजा न सिर्फ़ नमाज़ का ह़ुक्म दिया गया है बल्कि अज्रो सवाब का ज़िक्र कर के इस की तरग़ीब भी दिलाई गई है । आइये ! इस जिमन में चार फ़रामीने ख़ुदावन्दी सुनिये ।

नमाज़ के मुतअ़ल्लिक़ 4 फ़रामीने ख़ुदावन्दी

وَ الْمُقِیْمِیْنَ الصَّلٰوةَ وَ الْمُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَ الْمُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَ الْیَوْمِ الْاٰخِرِؕ-اُولٰٓىٕكَ سَنُؤْتِیْهِمْ اَجْرًا عَظِیْمًا۠(۱۶۲)(پ۶،النساء:۱۶۲)