Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

अपने घर वालों से, अ़ज़ीज़ो अक़रिबा से, मह़ल्ले वालों से, दुकानदारों से, पड़ोंसियों से ख़ूब मदनी अ़त़िय्यात जम्अ़ करने की भरपूर कोशिश शुरूअ़ कर दे । बहुत सारे लोग सिर्फ़ माहे रमज़ान में ज़कात देते हैं, ज़कात के साथ साथ फ़ित़्रा भी जम्अ़ करने की कोशिश करे । अख़राजात हर साल बढ़ते जा रहे हैं, हमें अपनी दा'वते इस्लामी को ज़िन्दा रखना है, इस को चलाना है बल्कि इस को त़ाक़तवर बनाना है ताकि येह ख़ूब अल्लाह पाक के दीन की ख़िदमत करे । फ़ित़्रों के बस्ते बढ़ाए जाएं, फ़ित़्रा देने वालों की एक ता'दाद होती है जो टेबल, कुर्सी, बेनर वग़ैरा देख कर फ़ित़्रा दे देते हैं, बाज़ारों में, मस्जिदों में फ़ित़्रे के बस्ते लगाएं, मदनी अ़त़िय्यात के जितने बस्ते ज़ियादा लगेंगे, उतना फ़ित़्रा भी ज़ियादा मिलेगा ।

अल्लाह करम ऐसा करे तुझ पे जहां में

ऐ दा'वते इस्लामी ! तेरी धूम मची हो

मजलिसे मद्रसतुल मदीना बालिग़ान

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! आज के इस पुर फ़ितन दौर में दा'वते इस्लामी का मदनी माह़ोल बहुत ही अ़ज़ीम ने'मत है । आप भी इस मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहिये, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ दुन्या व आख़िरत की ढेरों भलाइयां ह़ासिल होंगी । दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात में दीने मतीन की