Book Name:Allah waloon ki Namaz
ख़िदमत सर अन्जाम दे रही है, इन में से एक "मद्रसतुल मदीना बालिग़ान" भी है, जिस में बालिग़ (या'नी बड़ी उ़म्र के) इस्लामी भाइयों को मुख़्तलिफ़ मक़ामात (मसलन मसाजिद, दफ़ातिर, मार्कीट, दुकान वग़ैरा) और मुख़्तलिफ़ अवक़ात में फ़ी सबीलिल्लाह नाज़िरा ता'लीमे क़ुरआन के साथ साथ नमाज़ के बुन्यादी मसाइल बताए जाते हैं, सुन्नतें और आदाब सिखाए जाते हैं । मुल्क व बैरूने मुल्क में मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की ता'दाद तक़रीबन 13853 और पढ़ने वालों की ता'दाद तक़रीबन 89043 है । इसी त़रह़ बड़ी उ़म्र की इस्लामी बहनों में भी क़ुरआने पाक की ता'लीम को आम करने की कोशिश की जा रही है । मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में पढ़ने वालियों की ता'दाद तक़रीबन 63 हज़ार से ज़ाइद है ।
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे सुन्नत की फ़ज़ीलत और चन्द सुन्नतें और आदाब बयान करने की सआदत ह़ासिल करता हूं । शहनशाहे नुबुव्वत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत, शमए़ बज़्मे हिदायत, नौशए बज़्मे जन्नत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने मेरी सुन्नत से मह़ब्बत की, उस ने मुझ से मह़ब्बत की और जिस ने मुझ से मह़ब्बत की, वोह जन्नत में मेरे साथ होगा ।
(مشکاۃ الصابیح،کتاب الایمان،باب الاعتصام بالکتاب والسنۃ،الفصل الثانی،۱/۵۵،حدیث:۱۷۵)
सुन्नतें आम करें, दीन का हम काम करें