Book Name:Allah waloon ki Namaz
(वसाइले बख़्शिश)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
﴾3﴿...ह़ज़रते सय्यिदुना ह़ातिमे असम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की नमाज़
ह़ज़रते सय्यिदुना ह़ातिमे असम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ एक मरतबा ह़ज़रते आसिम बिन युसूफ़ मुह़द्दिस رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की मुलाक़ात के लिये तशरीफ़ ले गए, तो ह़ज़रते आसिम बिन युसूफ़ رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने उन से फ़रमाया कि ऐ ह़ातिम ! क्या आप नमाज़ अच्छी त़रह़ अदा करते हैं ? तो आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने फ़रमाया : जी हां ! ह़ज़रते आसिम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने पूछा : आप बताइये कि आप किस त़रह़ नमाज़ पढ़ते हैं ? तो ह़ज़रते ह़ातिम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने फ़रमाया कि जब नमाज़ का वक़्त क़रीब हो जाता है, तो मैं निहायत ही कामिल व मुकम्मल त़रीके़ से वुज़ू करता हूं फिर नमाज़ का वक़्त आ जाने पर जब मुसल्ले पर क़दम रखता हूं, तो इस त़रह़ खड़ा होता हूं कि मेरे बदन का हर जोड़ अपनी जगह पर बर क़रार हो जाता है फिर मैं अपने दिल में येह तसव्वुर जमाता हूं कि ख़ानए का'बा मेरे दोनों भंवों के दरमियान और मक़ामे इब्राहीम मेरे सीने के सामने है फिर मैं अपने दिल में येह यक़ीन रखते हुवे कि अल्लाह पाक मेरी ज़ाहिरी ह़ालत और