Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

तारिके जुमुआ (या तारिके नमाज़ या तारिके जमाअ़त) न थे । (मिरआतुल मनाजीह़, 2 / 330)

मैं पांचों नमाज़ें पढ़ूं बा जमाअ़त

हो तौफ़ीक़ ऐसी अ़त़ा या इलाही !

(वसाइले बख़्शिश)

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"मद्रसतुल मदीना बालिग़ान"

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अगर हम भी नमाज़ों की पाबन्दी का ज़ेहन बनाना चाहते हैं और इस पर इस्तिक़ामत पाना चाहते हैं, तो हमें चाहिये कि आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर अपनी मसरूफ़िय्यात में से कुछ न कुछ वक़्त ज़ैली ह़ल्क़े के 12 मदनी कामों के लिये भी निकालें, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ इन मदनी कामों में शुमूलिय्यत की बरकत से हम फ़राइज़ की पाबन्दी के साथ साथ नफ़्ली इ़बादात के भी आदी बन जाएंगे, फ़राइज़ व वाजिबात और सुनन व मुस्तह़ब्बात पर अ़मल का जज़्बा मिलेगा, नेकी की दा'वत देने वाली सुन्नत पर अ़मल का मौक़अ़ मिलेगा, आशिक़ाने रसूल की सोह़बत मुयस्सर आएगी, नेक आ'माल पर इस्तिक़ामत नसीब होगी । इन 12 मदनी कामों में से रोज़ाना का एक मदनी काम "मद्रसतुल मदीना बालिग़ान" में पढ़ना या पढ़ाना भी है ।