Book Name:Allah waloon ki Namaz
शुरूअ़ कर दिया । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ मद्रसतुल मदीना (बालिग़ान) की बरकत से हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत का मा'मूल बन गया और वोह अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ से मुरीद हो कर नमाज़ी और मस्जिद में दर्स देने वाले बन गए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ फ़िल्में, ड्रामे, गाने, बाजे, बद निगाही वग़ैरा गुनाहों को छोड़ दिया और अपने घर वालों पर भी इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे उन्हें भी नमाज़ी बनाने की कोशिशों में मसरूफ़ हैं ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! क़ुरआनो ह़दीस में जहां नमाज़ पढ़ने के बहुत ज़ियादा फ़ज़ाइलो बरकात बयान किये गए हैं, वहां नमाज़ क़ज़ा करने या तर्क कर देने की सख़्त वई़दें भी बयान की गई हैं । चुनान्चे, पारह 16, सूरए मरयम की आयत नम्बर 59 में इरशाद होता है :
فَخَلَفَ مِنْۢ بَعْدِهِمْ خَلْفٌ اَضَاعُوا الصَّلٰوةَ وَ اتَّبَعُوا الشَّهَوٰتِ فَسَوْفَ یَلْقَوْنَ غَیًّاۙ(۵۹)
(پ۱۶،سورۂ مریم:۵۹)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : तो उन के बा'द वोह ना लाइक़ लोग उन की जगह आए जिन्हों ने नमाज़ों को ज़ाएअ़ किया और अपनी ख़्वाहिशों की पैरवी की, तो अ़न क़रीब वोह जहन्नम की ख़ौफ़नाक वादी "गय्य" से जा मिलेंगे ।