Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

(नमाज़ भी) छोड़ी, हज़ारों बरस जहन्नम में रहने का मुस्तह़िक़ हुवा, जब तक तौबा न करे और उस की क़ज़ा न कर ले ।

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अन्दाज़ा लगाइये कि जब एक नमाज़ जान बूझ कर छोड़ने पर हज़ारों साल तक जहन्नम में रहना पड़ेगा, तो जो शख़्स दिन भर की तमाम नमाज़ें जान बूझ कर तर्क कर देता हो बल्कि वोह इस ख़स्लते बद का आदी हो और नमाज़ बिल्कुल ही न पढ़ता हो, तो वोह किस क़दर सख़्त अ़ज़ाब में मुब्तला रहेगा । लिहाज़ा जल्द से जल्द बल्कि आज ही नमाज़ें छोड़ने के गुनाहे कबीरा से सच्ची पक्की तौबा कर लीजिये नीज़ बा क़ाइ़दगी से नमाज़ों का एहतिमाम करने के साथ साथ क़ज़ा नमाज़ों की अदाएगी की निय्यत भी कीजिये, वरना याद रखिये कि जहन्नम का अ़ज़ाब किसी सूरत भी बदाश्त न हो सकेगा ।

        मन्क़ूल है कि जिस शख़्स को जहन्नम का सब से हल्का अ़ज़ाब दिया जाएगा, तो उस अ़ज़ाब की तक्लीफ़ उसे इतनी होगी कि वोह येह गुमान करेगा कि सब से ज़ियादा तक्लीफ़ देह अ़ज़ाब मुझे ही दिया जा रहा है, ह़ालांकि मुआमला इस के बर ख़िलाफ़ होगा । ह़ज़रते सय्यिदुना इबने अ़ब्बास رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھُمَا रिवायत करते हैं कि रसूले अकरम, नूरे मुजस्सम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया कि दोज़ख़ियों में सब से हल्का