Book Name:Allah waloon ki Namaz
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
﴾2﴿...वोह लक्ड़ी कहां है ?
ह़ज़रते सय्यिदुना अबुल अह़वस رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ बयान करते हैं कि ह़ज़रते सय्यिदुना मन्सूर बिन मो'तमिर رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की पड़ोसन ने अपने वालिद साह़िब से पूछा : अब्बाजान ! ह़ज़रते सय्यिदुना मन्सूर رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की छत पर एक लक्ड़ी थी, वोह कहां गई ? उन्हों ने बताया : बेटा ! वोह (लक्ड़ी नहीं थी बल्कि ख़ुद) ह़ज़रते सय्यिदुना मन्सूर رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ थे जो रात को क़ियाम किया करते थे । (حلیۃ الاولیاء،منصوربن معتمر،ص۴۶، رقم:۶۲۶۹)
इन्ही के बारे में ह़ज़रते सय्यिदुना अ़ला बिन सालिम अ़बदी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ बयान करते हैं कि ह़ज़रते सय्यिदुना मन्सूर बिन मो'तमिर رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ अपनी छत पर नमाज़ पढ़ा करते थे, जब आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ का इन्तिक़ाल हो गया, तो एक लड़के ने अपनी मां से पूछा : अम्मीजान ! फ़ुलां की छत पर खजूर का तना था, वोह दिखाई नहीं दे रहा ? मां ने कहा : बेटा ! वोह कोई तना नहीं था बल्कि ह़ज़रते सय्यिदुना मन्सूर عَلَیْہِ رَحْمَۃُ اللہِ الْغَفُوْر थे जो (इ़बादत किया करते थे और अब) इन्तिक़ाल फ़रमा गए हैं । (حلیۃ الاولیاء،منصوربن معتمر،ص۴۶،رقم:۶۲۶۰)
मैं पांचों नमाज़ें पढ़ूं बा जमाअ़त
हो तौफ़ीक़ ऐसी अ़त़ा या इलाही !