Book Name:Allah waloon ki Namaz
का इरशादे नूर बार है : زَیِّنُوْا مَجَالِسَکُمْ بِالصَّلَاۃِ عَلَیَّ तुम अपनी मजलिसों को मुझ पर दुरूदे पाक पढ़ कर आरास्ता करो, فَاِنَّ صَلَاَتَکُمْ عَلَیَّ نُوْرٌلَّکُمْ یَوْمَ الْقِیَامَۃِ क्यूंकि तुम्हारा मुझ पर दुरूद पढ़ना बरोजे़ क़ियामत तुम्हारे लिये नूर होगा । (جامع صغیر،حرف الزاء ،ص۲۸۰، حدیث :۴۵۸۰)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आइये ! अल्लाह पाक की रिज़ा पाने और सवाब कमाने के लिये बयान सुनने से पहले अच्छी अच्छी निय्यतें कर लेते हैं :
फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ : ’’نِیَّۃُ الْمُؤمِنِ خَیْرٌ مِّنْ عَمَلِہٖ‘‘ मुसलमान की निय्यत उस के अ़मल से बेहतर है । (معجم کبیر،۶/۱۸۵،حدیث:۵۹۴۲)