Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ क़ुरैशी हैं और सातवीं पुश्त में आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का शजरए नसब सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के दिलबर, फ़ारूके़ आ'ज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के रहबर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ख़ानदानी शजरे से मिल जाता है । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ आ़मुल फ़ील (हाथी वाला साल या'नी जिस साल ना मुराद अबरहा बादशाह हाथियों के लश्कर के साथ का'बे पर ह़म्ला आवर हुवा था) के तक़रीबन अढ़ाई साल बा'द मक्के शरीफ़ में पैदा हुवे ।
अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ वोह सह़ाबी हैं जिन्हों ने सब से पहले हर ऐ़ब से पाक नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की रिसालत की तस्दीक़ की । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ इस क़दर अ़ज़ीम शख़्सिय्यत हैं कि अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام के बा'द अगले और पिछले तमाम इन्सानों में सब से अफ़्ज़लो आ'ला हैं, आज़ाद मर्दों में सब से पहले इस्लाम क़बूल किया और ज़िन्दगी के हर मोड़ पर अल्लाह पाक की रह़मत बन कर दुन्या में तशरीफ़ लाने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का साथ दे कर वफ़ादारी का ह़क़ अदा किया । 2 साल, 7 माह ख़िलाफ़त के फ़राइज़ सर अन्जाम दे कर 22 जुमादल उख़रा, सिने 13 हि., पीर शरीफ़ का दिन गुज़ार कर वफ़ात पाई । अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूके़ आ'ज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई और रौज़ए मुबारक में गुनाहगारों पर शफ़्क़त फ़रमाने वाले नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पहलूए मुबारक में दफ़्न हुवे । (تارِیخُ الْخُلَفاء،ص۲۷،۶۲ ،۸۱ملتقطاً)
अल्लाह पाक ने क़ुरआने करीम में एक मक़ाम पर अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को परहेज़गार फ़रमाया । चुनान्चे, पारह 30, सूरतुल लैल की आयत नम्बर 17 में इरशाद होता है :
وَ سَیُجَنَّبُهَا الْاَتْقَىۙ(۱۷)(پ۳۰،اللیل:۱۷)