Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
ख़ूबियों और पाकीज़ा सोह़बत के सबब आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की ख़िदमत में ह़ाज़िर होते, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की सोह़बत से फै़ज़याब होते, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ उन पर इनफ़िरादी कोशिश करते, इस्लाम की ख़ूबियां बयान फ़रमाते और उन्हें इस्लाम की दा'वत देते, इस त़रह़ आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने अपने पास आने वाले कई लोगों पर इनफ़िरादी कोशिश कर के उन्हें भी इस्लाम में दाख़िल कर लिया । (الریاض النضرۃ، الفصل الخامس فی ذکرمن…الخ ،۱/۹۱) चुनान्चे,
शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ अपने रिसाले "बुढ्ढा पुजारी" के सफ़ह़ा नम्बर 11 पर फ़रमाते हैं : आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की इनफ़िरादी कोशिश से पांच वोह ह़ज़रात इस्लाम लाए जिन का शुमार अ़शरए मुबश्शरा में होता है । (याद रहे ! हर ऐ़ब से पाक नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के वोह दस अस्ह़ाब عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان जिन के जन्नती होने की दुन्या में ख़बर दे दी गई उन्हें "अशरए मुबश्शरा" कहते हैं । (बुन्यादी अ़क़ाइद और मा'मूलाते अहले सुन्नत, स. 76, मुलख़्ख़सन) उन के मुबारक नाम येह हैं : (1) ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ (2) ह़ज़रते सय्यिदुना सा'द बिन अबी वक़्क़ास رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ (3) ह़ज़रते सय्यिदुना त़ल्ह़ा बिन उ़बैदुल्लाह رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ (4) ह़ज़रते सय्यिदुना अ़ब्दुर्रह़मान बिन औ़फ़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ (5) ह़ज़रते सय्यिदुना ज़ुबैर बिन अ़व्वाम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ।
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने इस्लाम की इब्तिदा में अपने घर के सेह़्न में एक मस्जिद बनाई थी जहां वोह क़ुरआने पाक की तिलावत करते और नमाज़ पढ़ा करते थे, लोग आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के इस ईमान को ताज़गी बख़्शने वाले मन्ज़र को देख कर आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के आस पास जम्अ़ हो जाते, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की तिलावते क़ुरआन, इ़बादत और ख़ौफे़ ख़ुदा में रोना लोगों को बहुत मुतअस्सिर करता था