Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
अल्लाह पाक और उस के रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ज़िम्मए करम पर छोड़ आया हूं । (سبل الھدٰی والرشاد ،ذکر حثہ علی النفقۃ…الخ ،۵/۴۳۵) गोया इरशाद फ़रमाया : मेरे और मेरे बाल बच्चों के लिये अल्लाह पाक और उस के रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ काफ़ी हैं ।
मैं अपने रब्बे करीम से राज़ी हूं
ह़ज़रते सय्यिदुना अ़ब्दुल्लाह बिन उ़मर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھُمَا फ़रमाते हैं : मैं उम्मत के ग़म में आंसू बहाने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पास ह़ाज़िर था, वहां अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ऐसा लिबास पहने तशरीफ़ फ़रमा थे जिस में बटनों की जगह कांटे लगे हुवे थे । इतने में जिब्रईले अमीन عَلَیْہِ السَّلَام बारगाहे रिसालत में ह़ाज़िर हुवे और अ़र्ज़ की : या रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! आज अबू बक्र رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ऐसा लिबास क्यूं पहना हुवा है ? फ़रमाया : ऐ जिब्रईल ! इस ने अपना सारा माल फ़त्ह़े मक्का से पहले मुझ पर क़ुरबान कर दिया है । जिब्रईले अमीन عَلَیْہِ السَّلَام ने अ़र्ज़ किया, अल्लाह करीम आप पर सलाम भेजता है और फ़रमाता है : इन से पूछिये कि वोह अल्लाह करीम से राज़ी हैं या नाराज़ ? अल्लाह करीम की अ़त़ा से ग़ैब की ख़बरें देने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : अबू बक्र ! अल्लाह करीम तुम्हें सलाम इरशाद फ़रमाता है और फ़रमाता है कि मुझ से राज़ी हो या नहीं ? अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने अ़र्ज़ की : मैं अपने परवर दगार से नाराज़ कैसे हो सकता हूं ? मैं अपने रब्बे करीम से राज़ी हूं, मैं अपने रब्बे करीम से राज़ी हूं, मैं अपने रब्बे करीम से राज़ी हूं ।
(تاریخ مدینۃ دمشق،عبدُ اللہ ویقال عتیق، ۳۰/۷۱)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! इस रिवायत से जहां येह मा'लूम होता है कि सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का अल्लाह पाक की बारगाह में कैसा अ़ज़ीम मर्तबा है वहीं येह भी पता चलता है कि आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ अल्लाह पाक की