Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
। आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के इस अ़मल के सबब भी कई लोग इस्लाम में दाख़िल हुवे । (الریاض النضرۃ،الفصل الخامس فی ذکرمن…الخ ، ۱/۹۲)
उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदतुना आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا फ़रमाती हैं : मेरे वालिदे माजिद رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ जब क़ुरआने पाक की तिलावत फ़रमाते, तो आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को अपने आंसूओं पर इख़्तियार न रहता, या'नी बहुत ज़ियादा रोने लगते । (شعب الایمان، الحادی عشر من شعب الایمان ، ۱/۴۹۳، حدیث:۸۰۶)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ क़ुरआने करीम की तिलावत करते हुवे किस क़दर आंसू बहाते थे, ह़ालांकि आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को दुन्या में ही अल्लाह पाक की रह़मत बन कर दुन्या में तशरीफ़ लाने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़बाने मुबारक से जन्नती होने की ख़ुश ख़बरी मिल गई थी, इस के बा वुजूद आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ख़ौफे़ ख़ुदा से रोते थे । हमें भी क़ुरआने पाक की तिलावत करते हुवे रोना चाहिये और अगर रोना न आए, तो रोने जैसी सूरत ही बना लेनी चाहिये क्यूंकि क़ुरआने करीम की तिलावत करते हुवे रोना एक बेहतरीन अ़मल है । जैसा कि : अपनी उम्मत के ग़म में आंसू बहाने वाले नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमान है : क़ुरआने पाक की तिलावत करते हुवे रोया करो और रोना न आए, तो रोने की सी सूरत बना लो । (ابن ماجہ،باب فی حسن الصوت ، ۲/ ۱۲۹،حدیث: ۱۳۳۷ملتقطا)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! जिस त़रह़ अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ कसरत से इ़बादत किया करते थे, इसी त़रह़ आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ कसरत से रोज़े भी रखा करते थे । जैसा कि आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के बारे