Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! सदाए मदीना की बरकत से नमाज़े तहज्जुद की सआ़दत मिल सकती है । ٭ सदाए मदीना की बरकत से नमाज़ की ह़िफ़ाज़त होती है । ٭ सदाए मदीना की बरकत से मस्जिद की पहली सफ़ में तक्बीरे ऊला के साथ नमाज़े फ़ज्र की अदाएगी हो सकती है । ٭ सदाए मदीना की बरकत से नेकी की दा'वते देने का सवाब भी कमाया जा सकता है । ٭ सदाए मदीना की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी की नेक नामी और तश्हीर (Propagation) होगी । ٭ सदाए मदीना लगाने वाला बार बार मुसलमानों को ह़ज और मीठा मदीना देखने की दुआ़ देता है । अल्लाह पाक ने चाहा, तो येह दुआ़एं उस के ह़क़ में भी क़बूल होंगी । ٭ सदाए मदीना में पैदल चलने की बरकत से सिह़्ह़त भी अच्छी होगी । ٭ सदाए मदीना लगाना मुसलमानों को नमाज़े फ़ज्र के लिये जगाना है और मुसलमानों को नमाज़े फ़ज्र के लिये जगाना सुन्नते मुस्त़फ़ा है, मुसलमानों को नमाज़े फ़ज्र के लिये जगाना सुन्नते ह़ैदरी व सुन्नते फ़ारूक़ी है । अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूक़े आ'ज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ नमाज़े फ़ज्र के लिये लोगों को जगाते हुवे मस्जिद तशरीफ़ लाते थे । (طبقات کبریٰ، ذکر استخلاف عمر، ۳/۲۶۳،مفہوماً) सदाए मदीना वाले मदनी काम के बारे में मज़ीद मुफ़ीद तरीन मा'लूमात जानने के लिये मक्तबतुल मदीना के रिसाले "सदाए मदीना" का मुत़ालआ़ कीजिये । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब सदाए मदीना लगाने की एक मदनी बहार सुनिये और झूमिये । चुनान्चे,
सदाए मदीना, दिखाए मदीना
मुल्के अमीरे अहले सुन्नत के एक अ़लाके़ के रिहाइशी इस्लामी भाई जो दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता तो थे लेकिन मदनी कामों के सिलसिले में सुस्ती का शिकार थे । इत्तिफ़ाक़ से मोह़र्रमुल ह़राम सिने 1431 हि., ब मुत़ाबिक़ जनवरी सिने 2010 ई़. को आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के ज़ोनल मुशावरत के ज़िम्मेदार इस्लामी भाई से उन की