Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen

Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen

एक ऊक़िय्या सोने पर अड़ जाते, तो मैं इतनी क़ीमत में ही इसे फ़रोख़्त कर देता । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने फ़रमाया : अगर तुम सौ ऊक़िय्या सोना मांगते, तो मैं वोह भी दे देता और ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को ज़रूर ख़रीद लेता ।  (الریا ض النضرۃ،۱/۱۳۳)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा वाक़िए़ से मा'लूम हुवा ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ मुसलमानों पर बहुत मेहरबान थे, किसी मोमिन को तक्लीफ़ में मुब्तला न देख पाते और अपने मालो सामान को उस की जान पर तरजीह़ देते थे । इसी वज्ह से आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ह़ज़रते बिलाले ह़ब्शी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ समेत सात ग़ुलामों को ख़रीद कर आज़ाद फ़रमा दिया । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ नेक होने के साथ साथ नेक कामों में पहल करने वाले थे । चुनान्चे,

यारे ग़ार का माली ईसार

          ग़ज़्वए तबूक के मौक़अ़ पर जब अल्लाह पाक की रह़मत बन कर दुन्या में तशरीफ़ लाने वाले मह़बूब आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपनी उम्मत के मालदारों को ह़ुक्म दिया कि वोह अल्लाह पाक की राह में माली इमदाद के लिये बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लें ताकि इस्लाम की ख़ात़िर लड़ने वालों के लिये खाने, पीने और सुवारियों का इन्तिज़ाम किया जा सके । उम्मत की ख़ैर ख़्वाही फ़रमाने वाले नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के इस फ़रमाने आ़लीशान पर अ़मल करते हुवे जिस हस्ती ने राहे ख़ुदा के लिये अपनी सारी दौलत बारगाहे रिसालत में पेश की, वोह सह़ाबिये रसूल, आ़शिक़े अक्बर, अमीरुल मोमिनीन ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ थे । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने घर का सारा मालो सामान अल्लाह करीम की अ़त़ा से ग़ैब की ख़बरें देने वाले रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के क़दमों में ढेर कर दिया । हर ऐ़ब से पाक नबी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने यारे ग़ार के इस ईसार को देख कर पूछा : क्या अपने घर बार के लिये भी कुछ छोड़ा ? निहायत अदबो एह़तिराम से अ़र्ज़ गुज़ार हुवे : اَبْقَيْتُ لَهُمُ اللهَ وَرَسُوْلَهُ मैं