Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
मुलाक़ात हुई, जब उन्हें उन की मदनी कामों में दिलचस्पी न होने का इ़ल्म हुवा, तो उन्हों ने इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे न सिर्फ़ उन्हें मदनी काम करने का ज़ेहन दिया बल्कि सदाए मदीना की पाबन्दी करने की तरग़ीब भी दिलाई, इस बारे में उन्हों ने शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का फ़रमान "सदाए मदीना, दिखाए मदीना" भी सुनाया । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ उन का ज़ेहन बन गया और ह़ाज़िरिये मदीना की उम्मीद पर अगले ही दिन इस पर अ़मल शुरूअ़ कर दिया । सदाए मदीना क्या लगानी शुरूअ़ की, उन पर तो अल्लाह करीम और हम गुनाहगारों की शफ़ाअ़त फ़रमाने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का करम हो गया, क़िस्मत का सितारा यूं चमका कि उसी साल उन्हें बारगाहे मुस्त़फ़ा की ह़ाज़िरी का शरफ़ ह़ासिल हो गया । करम बालाए करम ! येह कि सदाए मदीना की बरकत से उन के बड़े भाई को भी ह़ज की सआ़दत नसीब हो गई ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
इस्लाम की दा'वत का अन्दाज़
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ वोह ख़ुश नसीब सह़ाबी हैं जो मर्दों में सब से पहले ईमान लाए । मश्हूर सीरत निगार, ह़ज़रते इबने इस्ह़ाक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने इस्लाम लाते ही इस का इज़्हार भी फ़रमा दिया और इस की दा'वत भी देना शुरूअ़ कर दी । चूंकि आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ अपनी क़ौम में निहायत ही नर्म दिल, लोगों के दुख, दर्द में शरीक होने वाले और सब की पसन्दीदा शख़्सिय्यत थे । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ क़ुरैश की ख़ानदानी शराफ़त व मक़ाम और उन की हर अच्छाई, बुराई को अच्छी त़रह़ जानते थे, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ एक मश्हूर और ख़ुश अख़्लाक़ ताजिर भी थे । क़ुरैश के तमाम छोटे, बड़े लोग इ़ल्मी व तिजारती