Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen

Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen

(या'नी सोह़बत) नसीब होने का ज़रीआ़ दुरूद शरीफ़ की कसरत है । इस से मा'लूम हुवा ! दुरूद शरीफ़ बेहतरीन नेकी है कि तमाम नेकियों से जन्नत मिलती है और इस से बज़्मे जन्नत के दुल्हा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ (मिलते हैं) ।

(मिरआतुल मनाजीह़, 2 / 100)

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आइये ! अल्लाह पाक की रिज़ा पाने और सवाब कमाने के लिये पहले अच्छी अच्छी निय्यतें कर लेते हैं :

फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ : نِیَّۃُ الْمُؤمِنِ خَیْرٌ مِّنْ عَمَلِہٖमुसलमान की निय्यत उस के अ़मल से बेहतर है । (معجم کبیر،۶/۱۸۵،حدیث:۵۹۴۲)

मदनी फूल :- जितनी अच्छी निय्यतें ज़ियादा, उतना सवाब भी ज़ियादा ।

बयान सुनने की निय्यतें

        ٭ निगाहें नीची किये ख़ूब कान लगा कर बयान सुनूंगा । ٭ टेक लगा कर बैठने के बजाए इ़ल्मे दीन की ता'ज़ीम की ख़ात़िर जब तक हो सका दो ज़ानू बैठूंगा । ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ،  वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वालों की दिलजूई के लिये बुलन्द आवाज़ से जवाब दूंगा । ٭ बयान के बा'द इस्लामी भाइयों से ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम करूंगा, हाथ मिलाऊंगा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगा ।

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइये ! आज के बयान में हम यारे ग़ार व यारे मज़ार, आ़शिके़ अक्बर, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के पाकीज़ा किरदार की चन्द झल्कियां और आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के मुबारक फ़रामीन सुनते हैं । पहले एक ईमान अफ़रोज़ वाक़िआ़ सुनते हैं । चुनान्चे,