Book Name:Siddique-e-Akbar Ka Kirdar O Farameen
फ़रमाया : अपने पड़ोसी के साथ झगड़ा मत करो क्यूंकि येह तो यहीं रहेगा लेकिन जो लोग तुम्हारी लड़ाई को देखेंगे, वोह यहां से चले जाएंगे ।
(کنز العمال، کتاب الصحبۃ ، باب فی حقوق تتعلق بصحبۃ الجار، الجزء:۹،۵/۷۹،حدیث:۲۵۵۹۹)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने पड़ोसी के साथ झगड़ने वाले शख़्स को किस क़दर अच्छे अन्दाज़ में नेकी की दा'वत पेश की । वाके़ई़ जब पड़ोसी आपस में किसी बात पर झगड़ते हैं, तो इस में उन का अपना ही नुक़्सान होता है क्यूंकि लड़ाई के बा'द भी उन्हें एक साथ ही रहना है और उन का आपस में झगड़ा करना दीगर लोगों के लिये तमाशा बन जाता है ।
याद रहे ! इस्लाम में पड़ोसी (Neighbour) के ह़ुक़ूक़ की बहुत अहम्मिय्यत है । चुनान्चे, अल्लाह पाक की रह़मत बन कर तशरीफ़ लाने वाले, पड़ोसियों के ह़ुक़ूक़ अदा करने की तरग़ीब दिलाने वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : मैं तुम्हें पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करने की वसिय्यत करता हूं । फिर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने पड़ोसियों के इस क़दर ह़ुक़ूक़ बयान फ़रमाए कि ऐसे लगा जैसे आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उसे विरासत में ह़िस्सा दार बना देंगे । (معجم الکبیر ،محمد زیاد الالھانی عن ابی امامۃ، الحدیث: ۷۵۲۳، ج۸ ، ص ۱۱۱) अल्लाह करीम हमें भी पड़ोसियों का ख़ूब ख़याल रखने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए ।
اٰمین بِجاہِ النَّبِیِّ الْاَمین صَلَّی اللہُ تَعَالیٰ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
सय्यिदुना सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के फ़रामीन
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना सिद्दीक़े अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने जिस त़रह़ अपने किरदार के ज़रीए़ लोगों की