Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa
लिया और मक्के शरीफ़ में ह़ज़रते सय्यिदुना अ़क़ील رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के घर के पास रख दिया, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उसे देखते जाते और उन के सुवालों के जवाबात देते जाते । (याद रहे !) बैतुल मक़्दिस को उठा कर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में ह़ाज़िर किया जाना आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का मो'जिज़ा है, जिस त़रह़ बिल्क़ीस का तख़्त (उठा कर ह़ज़रते सय्यिदुना सुलैमान عَلَیْہِ السَّلَام के दरबार में ह़ाज़िर किया जाना) ह़ज़रते सय्यिदुना सुलैमान عَلَیْہِ السَّلَام का मो'जिज़ा है । (सीरते सय्यिदुल अम्बिया, स. 131)
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! आप ने सुना कि नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शानो शौकत किस क़दर बुलन्दो बाला है, जिन्हें अल्लाह पाक ने रजबुल मुरज्जब की सत्ताईसवीं रात मुख़्तसर से वक़्त में अपनी अ़ज़ीम निशानियां दिखाने के लिये जन्नती बुराक़ पर सुवार कराया, मस्जिदे ह़राम से मस्जिदे अक़्सा और फिर वहां से तमाम आसमानों पर बुला कर मुख़्तलिफ़ अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام और फ़िरिश्तों के सामने अपने मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शानो अ़ज़मत को ज़ाहिर फ़रमाया, नमाज़ों का तोह़्फ़ा अ़त़ा फ़रमाया, सब से बढ़ कर येह कि अपना दीदार भी कराया और किसी वासित़े के बिग़ैर कलाम भी फ़रमाया ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
आइये ! ह़ुज़ूरे अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को अल्लाह पाक का दीदार होने और अल्लाह पाक से कलाम करने के बारे में ह़दीसे पाक सुनते हैं । चुनान्चे,
ह़ज़रते सय्यिदुना मुआ़ज़ बिन जबल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : मैं ने अपने रब को देखा, उस ने अपना दस्ते क़ुदरत मेरे कन्धों के दरमियान रखा, मेरे सीने में उस की ठन्डक मह़सूस हुई, उसी वक़्त हर चीज़ मुझ पर रौशन हो गई और मैं ने सब कुछ पहचान लिया । (ترمذی،کتاب التفسیر،باب ومن سورۃ ص،۵/۱۶۰،حدیث:،۳۲۴۶)