Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa
लिखा हुवा 40 सफ़ह़ात पर मुश्तमिल रिसाला "बुरे ख़ातिमे के अस्बाब" का मुत़ालआ़ करना बहुत मुफ़ीद है ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
12 मदनी कामों में से एक मदनी काम
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! ईमान की सलामती की फ़िक्र करने, बुराइयों से बचने और नेकियों पर इस्तिक़ामत ह़ासिल करने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में अ़मली त़ौर पर शामिल हो कर दुन्या व आख़िरत की बरकतें ह़ासिल करने की कोशिश कीजिये । ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से हफ़्तावार एक मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़" भी है ।
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में तिलावत व ना'त और सुन्नतों भरा इस्लाह़ी बयान सुनने, इजतिमाई़ त़ौर पर ज़िक्रुल्लाह करने और रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़ में अपने गुनाहों से तौबा करने के साथ साथ अच्छी सोह़बत इख़्तियार करने का मौक़अ़ भी मुयस्सर आता है । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ अच्छी सोह़बत इख़्तियार करना और मिल कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करना फ़ज़ीलत वाला अ़मल है ।
फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : जब लोग किसी मजलिस में जम्अ़ हो कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करते हैं फिर जब वोह फ़ारिग़ होते हैं, तो उन से कहा जाता है कि खड़े हो जाओ ! बेशक तुम्हारे गुनाहों को बख़्श दिया गया है और तुम्हारी बुराइयों को नेकियों से बदल दिया गया है ।
(شعب الایمان،باب فی محبۃ اللہ،۱/۴۵۴،حدیث: ۶۹۵)
12 मदनी कामों में से हफ़्तावार इस मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़" की तफ़्सीली मा'लूमात जानने के लिये मक्तबतुल मदीना के रिसाले "हफ़्तावार इजतिमाअ़" का मुत़ालआ़ कीजिये । तमाम ज़िम्मेदाराने दा'वते