Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa
दरवाज़ों पर ह़िफ़ाज़त के लिये सीक्यूरिटी गार्ड्ज़, स्पीकर्ज़, लाइट्स, जनरेटर और यूपीऐस का मुनासिब इन्तिज़ाम करती है, वुज़ू ख़ाना व इस्तिनजा ख़ानों पर पानी वग़ैरा का इन्तिज़ाम करती है, इजतिमाअ़ गाह और मस्जिद की सफ़ाई का ख़याल रखती है, दरियां व चटाइयां बिछाती, इजतिमाअ़ के इख़्तिताम पर उन्हें उठवाती, बस्तों, वुज़ू ख़ाना और मस्जिद की छत वग़ैरा पर गुफ़्तगू में मसरूफ़ इस्लामी भाइयों को नर्मी व शफ़्क़त से सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत करवाती है, ज़रूरत के मुत़ाबिक़ मुनासिब मक़ामात पर पानी की सबील का इन्तिज़ाम करवाती है, मक्तबतुल मदीना के कुतुबो रसाइल की बस्तों पर फ़राहमी और बस्तों पर ग़ैर शरई़ व ग़ैर अख़्लाक़ी लिट्रेचर और ग़ैर मे'यारी खाने पीने की चीज़ों की फ़रोख़्त पर नज़र रखने को यक़ीनी बनाती है, यूंही इजतिमाअ़ में आने वाले इस्लामी भाइयों की गाडि़यों के लिये पार्किंग का इन्तिज़ाम करना, जूते रखने के लिये चौकियां बना कर तरतीब से जूते रखना, हर बस्ते की जगह मख़्सूस करना बल्कि मुमकिना सूरत में पेनाफ़्लेक्स, बेनर्ज़ या बोर्ड लगाना वग़ैरा भी इस मजलिस की ज़िम्मेदारियों में शामिल है । अल्लाह करीम "मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़" को मज़ीद तरक़्क़ियां अ़त़ा फ़रमाए ।
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" से नाख़ुन काटने के चन्द मदनी फूल सुनते हैं । ٭ जुमुआ़ के दिन नाख़ुन काटना मुस्तह़ब है, हां ! अगर ज़ियादा बढ़ गए हों, तो जुमुआ़ का इन्तिज़ार न कीजिये । (دُرِّمُختار،۹/۶۶۸) सदरुश्शरीआ़, बदरुत़्त़रीक़ा, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुफ़्ती मुह़म्मद अमजद अ़ली आ'ज़मी رَحْمَۃُ اللّٰہِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं, मन्क़ूल है : जो जुमुआ़ के रोज़ नाख़ुन काटे, अल्लाह पाक उस को दूसरे जुमुआ़ तक बलाओं से मह़फ़ूज़ रखेगा और तीन दिन ज़ाइद या'नी