Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अभी प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ यहीं (ह़त़ीमे का'बा में) करवट के बल लेटे हुवे थे और आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ पर ऊंघ का असर बाक़ी था । (المرجع السابق، ملتقطًا) कि ह़ज़रते जिब्राईल عَلَیْہِ السَّلَام फिर ह़ाज़िर हुवे, इस बार उन्हों ने आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के सीनए पाक को हंसली की हड्डी से ले कर पेट के नीचे तक चाक किया और पाकीज़ा दिल को बाहर निकाल लिया फिर ईमान व ह़िकमत से भरा सोने का एक थाल लाया गया, ह़ज़रते जिब्राईल عَلَیْہِ السَّلَام ने प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पाकीज़ा दिल को आबे ज़मज़म से ग़ुस्ल दिया और फिर ईमान व ह़िकमत से भर कर वापस उस की जगह रख दिया । (بخارى، كتاب مناقب الانصار، باب المعراج، ص٩٧٦، الحديث:٣٨٨٧)
इस के बा'द आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बारगाहे अक़्दस में सुवारी के लिये गधे से बड़ा और ख़च्चर से छोटा एक सफ़ेद जानवर ह़ाज़िर किया गया, जिसे बुराक़ कहा जाता है । (بخارى، كتاب مناقب الانصار، باب المعراج، ص٩٧٦، الحديث:٣٨٨٧) इस पर ज़ीन कसी हुई थी, लगाम पड़ी हुई थी (ترمذى، كتاب تفسير القرآن، باب ومن سورة بنى اسرائيل، ص٧٢٣، الحديث:٣١٣١) और इस की रफ़्तार का आ़लम येह था कि जहां तक नज़र पहुंचती वहां अपना क़दम रखता । (بخارى،كتاب مناقب الانصار، باب المعراج، ص٩٧٦،حديث:٣٨٨٧) बुलन्दी पर चढ़ते हुवे इस के हाथ छोटे और पाउं लम्बे हो जाते और नीचे उतरते हुवे हाथ लम्बे और पाउं छोटे हो जाते जिस की वजह से दोनों सूरतों में इस की पीठ बराबर रहती । (معجم اوسط،٣/٦٥،حديث:٣٨٧٩ ملخصًا) और सुवार को किसी क़िस्म की तक्लीफ़ का सामना न होता । (شرح زرقانى،المقصد الخامس فى تخصيصه...الخ، ٨/٧٥)
नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने जब उस पर सुवार होने का इरादा फ़रमाया और उस के क़रीब तशरीफ़ लाए तो उस ने ख़ुशी से फूले न समाते हुवे उछल कूद शुरूअ़ कर दी । येह देख कर ह़ज़रते जिब्राईल عَلَیْہِ السَّلَام ने अपना हाथ उस की गरदन के बालों की जगह पर रखा और फ़रमाया : ऐ बुराक़ ! तुझे ह़या