Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa
आख़िरी रसूल हैं, पहले के अम्बिया और रसूलों की इमामत फ़रमा रहे हैं । इसी राज़ को बयान करते हुवे आ'ला ह़ज़रत, इमामे अहले सुन्नत, मौलाना शाह इमाम अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं :
नमाज़े अक़्सा में था येही सिर्र, इ़यां हों मा'ना अव्वल आख़िर
कि दस्त बस्ता हैं पीछे ह़ाज़िर, जो सल्त़नत आगे कर गए थे
(ह़दाइके़ बख़्शिश, स. 232)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام से मुलाक़ातें
जब बैतुल मक़्दिस से निकले, तो ह़ज़रते जिब्रईले अमीन عَلَیْہِ السَّلَام ने शराब और दूध के दो पियाले आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के सामने पेश किये, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने दूध का पियाला उठा लिया । येह देख कर ह़ज़रते जिब्रईल عَلَیْہِ السَّلَام ने कहा : आप (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) ने फ़ित़रत (Nature) को पसन्द फ़रमाया, अगर आप (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) शराब का पियाला उठा लेते, तो आप (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) की उम्मत गुमराह हो जाती । फिर ह़ज़रते जिब्रईल عَلَیْہِ السَّلَام, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को साथ ले कर आसमान पर चढ़े, पहले आसमान में ह़ज़रते (सय्यिदुना) आदम عَلَیْہِ السَّلَام से, दूसरे में ह़ज़रते (सय्यिदुना) यह़्या व ह़ज़रते (सय्यिदुना) ई़सा عَلَیْہِمَا السَّلَام से मुलाक़ात हुई और कुछ गुफ़्तगू भी हुई, तीसरे आसमान में ह़ज़रते (सय्यिदुना) यूसुफ़ عَلَیْہِ السَّلَام, चौथे आसमान में ह़ज़रते (सय्यिदुना) इद्रीस عَلَیْہِ السَّلَام और पांचवें आसमान में ह़ज़रते (सय्यिदुना) हारून عَلَیْہِ السَّلَام और छटे आसमान में ह़ज़रते (सय्यिदुना) मूसा عَلَیْہِ السَّلَام मिले और सातवें आसमान पर पहुंचे, तो वहां ह़ज़रते (सय्यिदुना) इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام से मुलाक़ात हुई, वोह (फ़िरिश्तों के क़िब्ले) बैतुल मा'मूर से पीठ लगाए बैठे थे, जिस में रोज़ाना सत्तर हज़ार फ़िरिश्ते दाख़िल होते हैं । मुलाक़ात के वक़्त हर पैग़म्बर ने "ख़ुश आमदीद ! ऐ पैग़म्बरे सालेह़ !" कह कर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का इस्तिक़्बाल किया फिर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को जन्नत की सैर कराई गई । इस के बा'द आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सिदरतुल मुन्तहा पर पहुंचे । इस दरख़्त पर