Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa

Book Name:Safr-e-Miraaj Or Ilm-e-Ghaib-e-Mustafa

(सालों) बा'द होने वाले वाक़िआ़त को सुन लेते और देख लेते हैं, येह वाक़िआ़ इस तारीख़ से कई लाख साल बा'द होगा मगर क़ुरबान उन कानों के ! आज ही सुन रहे हैं । (3) तीसरे येह कि इन्सान जिस ह़ाल में ज़िन्दगी गुज़ारेगा, उसी ह़ाल में वहां होगा । ह़ज़रते बिलाल   (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ) ने अपनी ज़िन्दगी ह़ुज़ूर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में गुज़ारी, वहां भी ख़ादिम हो कर ही उठेंगे ।

(मिरआतुल मनाजीह़, 2 / 300)

          ऐ आ़शिक़ाने सह़ाबा व अहले बैत ! आप ने सुना कि प्यारे आक़ा, صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने अ़ज़ीमुश्शान इ़ल्मे ग़ैब के ज़रीए़ क़ियामत के दिन ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के क़दमों से पैदा होने वाली आवाज़ को लाखों साल पहले ही सुन लिया ।

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! यक़ीनन येह अल्लाह पाक का बहुत बड़ा करम है कि उस ने हमें ह़ुज़ूरे अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उम्मत में पैदा फ़रमाया और हमें ईमान की दौलत से भी नवाज़ा, लिहाज़ा हम सब को चाहिये कि अल्लाह पाक की बारगाह में ईमान पर इस्तिक़ामत और अच्छे ख़ातिमे की दुआ़ करते रहा करें और ईमान की ह़िफ़ाज़त की फ़िक्र करते हुवे अपने आप को तमाम गुनाहों से दूर रखें, ख़ास त़ौर पर उन बुराइयों से अपने आप को बचाएं जिन की वज्ह से ईमान बरबाद होने का अन्देशा है । शर्ह़ुस्सुदूर में है, बा'ज़ उ़लमाए किराम फ़रमाते हैं : बुरे ख़ातिमे के चार अस्बाब हैं । (1) नमाज़ में सुस्ती (2) शराब नोशी (3) वालिदैन की ना फ़रमानी और (4) मुसलमानों को तक्लीफ़ देना । (شرح الصدور،باب علامۃ خاتمۃ الخیر،ص۲۷)

याद रहे ! बुरे ख़ातिमे (या'नी मरते वक़्त ईमान छिन जाने) के सिर्फ़ येही चार अस्बाब नहीं बल्कि मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर बुरे ख़ातिमे के और भी बहुत से अस्बाब बयान किये गए हैं जिन की मा'लूमात जानने के लिये शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का