Ghous Pak Ka Ilmi Maqam

Book Name:Ghous Pak Ka Ilmi Maqam

जाता था । (اَ لشَّمائِلُ ا لْمُحَمَّدِیَّۃ،ص۴۰ ،حدیث:۳۲) ٭ सर और दाढ़ी के बाल साबुन वग़ैरा से धोने का जिन का मा'मूल नहीं होता, उन के बालों में अक्सर बदबू हो जाती है । ख़ुद को अगर्चे बदबू न आती हो मगर दूसरों को आती है । मुंह, बालों, बदन और लिबास वग़ैरा से बदबू आती हो, इस ह़ाल में मस्जिद का दाख़िला ह़राम है कि इस से लोगों और फ़िरिश्तों को तक्लीफ़ होती है । हां ! बदबू हो मगर छुपी हुई हो, जैसे बग़ल की बदबू, तो इस में ह़रज नहीं । ٭ बालों में कसरत से तेल का इस्ति'माल ख़ुसूसन अहले इ़ल्म ह़ज़रात के लिये मुफ़ीद है कि इस से सर में ख़ुश्की नहीं होती, दिमाग़ तर और ह़ाफ़िज़ा क़वी होता है । (جامع صغِیر، ص۲۸،حدیث ۳۶۹) ٭ ह़दीसे पाक में है : जो बिस्मिल्लाह पढ़े बिग़ैर तेल लगाए, तो 70 शयात़ीन उस के साथ शरीक हो जाते हैं । (عَمَلُ الْیَوْمِ وَاللَّیْلَۃِ، ص۳۲۷ ،حدیث: ۱۷۳) ٭ तेल डालने से पहले "بِسْمِ اللہِ الرَّحْمٰنِ الرَّ حِیْم" पढ़ कर उल्टे हाथ की हथेली में थोड़ा सा तेल डालिये फिर पहले सीधी आंख के अबरू पर तेल लगाइये फिर उल्टी के, इस के बा'द सीधी आंख की पलक पर फिर उल्टी पर, अब सर में तेल डालिये और दाढ़ी को तेल लगाएं, तो निचले होंट और ठोड़ी के दरमियानी बालों से आग़ाज़ कीजिये । ٭ सरसों का तेल डालने वाला टोपी या इ़मामा उतारता है, तो बा'ज़ अवक़ात बदबू का भपका निकलता है, लिहाज़ा जिस से बन पड़े वोह सर में उ़म्दा ख़ुश्बूदार तेल डाले । ख़ुश्बूदार तेल बनाने का एक आसान त़रीक़ा येह भी है कि खोपरे के तेल की शीशी में अपने पसन्दीदा इ़त़्र के चन्द क़त़रे डाल कर ह़ल कर लीजिये, ख़ुश्बूदार तेल तय्यार है । ٭ नमाज़े जुमुआ़ के लिये तेल और ख़ुश्बू लगाना मुस्तह़ब है । (बहारे शरीअ़त, 1 / 774) ٭ मय्यित की दाढ़ी या सर के बाल में कंघी करना नाजाइज़ व गुनाह है । (دُرِّمُختار ،۳/ ۱۰۴) ٭ लोग मय्यित की दाढ़ी मुन्ड डालते हैं, येह भी नाजाइज़, गुनाह है । गुनाह मय्यित पर नहीं, मुन्डने और इस का ह़ुक्म करने वालों पर है ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد