Ghous Pak Ka Ilmi Maqam

Book Name:Ghous Pak Ka Ilmi Maqam

में जहां इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने का जज़्बा बेदार किया जाता है, वहीं काफ़ी ह़द तक फ़र्ज़ उ़लूम की मा'लूमात भी हो जाती है । इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने और अ़मल का जज़्बा पाने का एक बेहतरीन ज़रीआ़ हर माह आ़शिक़ाने रसूल के साथ कम अज़ कम 3 दिन के मदनी क़ाफ़िले में सफ़र और हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ व हफ़्तावार मदनी मुज़ाकरे में शिर्कत करना भी है । आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में पाबन्दी से शिर्कत की सआ़दत ह़ासिल करते रहें । आइये ! तरग़ीब के लिये हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत कर के दुन्या व आख़िरत की बरकतें लूटने वाले एक आ़शिके़ रसूल की मदनी बहार सुनते हैं । चुनान्चे,

फ़िल्मों का शैदाई

          बाबुल मदीना के एक इस्लामी भाई आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में आने से पहले नेकियों से बहुत दूर और गुनाहों की वादियों में गुम थे, उन की नेकियों से ग़फ़्लत और फ़िल्मों, ड्रामों से जुनून का अन्दाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि घर से उन्हें जो माहाना एक हज़ार रुपये जेब ख़र्च मिलता था, उन से फ़िल्मों और ड्रामों की VCD’s ख़रीद कर लाते, ह़त्ता कि उन के पास दो हज़ार से ज़ाइद VCD’s जम्अ़ हो चुकी थीं । एक दिन एक आ़शिके़ रसूल सब्ज़ सब्ज़ इ़मामा शरीफ़ का ताज सजाए उन के पास तशरीफ़ लाए और इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे उन्हें फ़िक्रे आख़िरत से मुतअ़ल्लिक़ कुछ इस ख़ूब सूरत अन्दाज़ में नेकी की दा'वत दी कि ख़ौफे़ ख़ुदा उन की रगों में सरायत करता चला गया, उस आ़शिके़ रसूल की इनफ़िरादी कोशिश की बरकत से वोह आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के "हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़" में ह़ाज़िर हो गए, वहां होने वाले सुन्नतों भरे बयान ने उन के दिल को तब्दील कर के रख दिया, आख़िर में मांगी जाने वाली रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़ का उन के दिल पर ऐसा असर हुवा कि घर आ कर उन्हों ने फ़िल्मों की तमाम VCD’s तोड़ फोड़ डालीं, दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना के सुन्नतों भरे बयानात की केसेटें घर ला कर ख़ुद भी सुनीं और घर वालों को भी सुनने के लिये दीं, तो इन की बरकतों से اَلْحَمْدُ لِلّٰہ उन का सारा घराना मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर क़ादिरी अ़त़्त़ारी सिलसिले में दाख़िल हो गया ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

तेल डालने और कंघी करने की सुन्नतें और आदाब

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "163 मदनी फूल" से तेल डालने की सुन्नतें व आदाब सुनते हैं । ٭ ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं : हु़ज़ूरे अन्वर, शाफे़ए़ मह़्शर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सरे अक़्दस में अक्सर तेल लगाते, दाढ़ी मुबारक में कंघी करते थे और अक्सर सरे मुबारक पर कपड़ा (या'नी सरबन्द शरीफ़) रखते थे, यहां तक कि वोह कपड़ा तेल से तर हो