Allah waloon ki Namaz

Book Name:Allah waloon ki Namaz

٭ जनाजे़ को कन्धा देते वक़्त जान बूझ कर ईज़ा देने वाले अन्दाज़ में लोगों को धक्के देना जैसा कि बा'ज़ लोग किसी शख़्सिय्यत के जनाज़े में करते हैं, येह नाजाइज़ व ह़राम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है । ٭ शौहर अपनी बीवी के जनाज़े को कन्धा भी दे सकता है, क़ब्र में भी उतार सकता है और मुंह भी देख सकता है, सिर्फ़ ग़ुस्ल देने और बिला ह़ाइल बदन को छूने की मुमानअ़त है । (बहारे शरीअ़त, 1 / 812, 813) ٭ जनाज़े के साथ बुलन्द आवाज़ से कलिमए त़य्यिबा या कलिमए शहादत या ह़म्द व ना'त वग़ैरा पढ़ना जाइज़ है । (फ़तावा रज़विय्या, 9 / 139 ता 158)

त़रह़ त़रह़ की हज़ारों सुन्नतें सीखने के लिये मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ दो कुतुब (1) 312 सफ़ह़ात पर मुश्तमिल किताब बहारे शरीअ़तह़िस्सा 16 और (2) 120 सफ़ह़ात की किताब "सुन्नतें और आदाब" इस के इ़लावा शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत के दो रसाइल "101 मदनी फूल" और "163 मदनी फूल" हदिय्यतन त़लब कीजिये और पढ़िये । सुन्नतों की तरबिय्यत का एक बेहतरीन ज़रीआ दा'वते इस्लामी के मदनी क़ाफ़िलों में आशिक़ाने रसूल के साथ सुन्नतों भरा सफ़र भी है ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد