Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

Book Name:Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

पहले ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام को ह़ुल्ला (या'नी ख़ास क़िस्म का लिबास) अ़त़ा किया जाना अपनी जगह मगर अफ़्ज़ल हमारे प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ही हैं । अल्लाह करीम पारह 3, सूरतुल बक़रह की आयत नम्बर 253 में इरशाद फ़रमाता है :

تِلْكَ الرُّسُلُ فَضَّلْنَا بَعْضَهُمْ عَلٰى بَعْضٍۘ-مِنْهُمْ مَّنْ كَلَّمَ اللّٰهُ وَ رَفَعَ بَعْضَهُمْ دَرَجٰتٍؕ-وَ اٰتَیْنَا عِیْسَى ابْنَ مَرْیَمَ الْبَیِّنٰتِ وَ اَیَّدْنٰهُ بِرُوْحِ الْقُدُسِؕ- (پ 3، البقرۃ، آیت : 253)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : येह रसूल हैं, हम ने इन में एक को दूसरे पर फ़ज़ीलत अ़त़ा फ़रमाई, इन में किसी से अल्लाह ने कलाम फ़रमाया और कोई वोह है जिसे सब पर दरजों बुलन्दी अ़त़ा फ़रमाई और हम ने मरयम के बेटे ई़सा को खुली निशानियां दीं और पाकीज़ा रूह़ से उस की मदद की ।

        इस आयत के तह़त दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ (Published) तफ़्सीरे क़ुरआन "सिरात़ुल जिनान" जिल्द 1, सफ़ह़ा 379 पर है : इस आयत में जुम्ला अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام में से बत़ौरे ख़ास तीन अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام का ज़िक्र फ़रमाया गया । एक ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام हैं जिन से अल्लाह तआला ने कोहे त़ूर पर बिला वासित़ा कलाम फ़रमाया जब कि येही शरफ़ सय्यिदुल अम्बिया صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को मे'राज में ह़ासिल हुवा । दूसरे नबी जिन का इस आयत में तज़किरा है वोह ह़ज़रते ई़सा عَلَیْہِ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام हैं जिन्हें रौशन निशानियां अ़त़ा हुईं, जैसे मुर्दे को ज़िन्दा करना, बीमारों को तन्दुरुस्त करना, मिट्टी से परिन्दा बनाना, ग़ैब की ख़बरें देना वग़ैरा नीज़ रूह़ुल क़ुदूस या'नी ह़ज़रते जिब्रईल عَلَیْہِ السَّلَام के ज़रीए़ आप عَلَیْہِ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام की ताईद की गई जो हमेशा आप के साथ रहते थे । तीसरी वोह हस्ती है जिन के बारे में फ़रमाया गया कि किसी को हम ने दरजों बुलन्दी अ़त़ा फ़रमाई और वोह हमारे आक़ा व मौला, मल्जा व मावा, ह़ुज़ूरे पुरनूर, सय्यिदुल अम्बिया, मुह़म्मदे मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ हैं कि आप