Book Name:Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain
इस्लामी के मदनी कामों की तरक़्क़ी के लिये अपने घर, रिश्तेदारों और अपने अ़ज़ीज़ो अक़ारिब को येह तरग़ीब दिलानी है कि वोह भी अपनी क़ुरबानी के जानवर की खाल दा'वते इस्लामी को दे कर नेकी के कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लेने की सआदत ह़ासिल करें । अल्लाह पाक हमें अ़मल की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! शरई़ मसाइल की मा'लूमात के लिये दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िला लीजिये । اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ ! मजलिसे जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) के तह़त मुल्क व बैरूने मुल्क में तक़रीबन 265 जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) क़ाइम हैं, जिन में 16217 त़ालिबात दर्से निज़ामी (या'नी आलिमा कोर्स) की मुफ़्त ता'लीम ह़ासिल कर रही हैं, कमो बेश 3600 इस्लामी बहनें दर्से निज़ामी (या'नी आलिमा कोर्स) जब कि तक़रीबन 4014 इस्लामी बहनें "फ़ैज़ाने शरीअ़त कोर्स" करने की सआदत ह़ासिल कर चुकी हैं । लिहाज़ा हिम्मत कीजिये, आप भी और अपनी बालिग़ा बहनों, बेटियों को भी जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िल करवाइये और अपने लिये सवाबे जारिया का सामान कीजिये ।
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अल्लाह करम ऐसा करे तुझ पे जहां में |
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ऐ दा'वते इस्लामी ! तेरी धूम मची हो |
(वसाइले बख़्शिश मुरम्मम, स. 315)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे क़ुरबानी करने के बारे में चन्द मदनी फूल सुनने की सआदत ह़ासिल करती हैं । आइये ! पहले दो फ़रामैने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मुलाह़ज़ा कीजिये :