Book Name:Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain
क़ुरबानी करने के ह़वाले से मज़ीद मा'लूमात ह़ासिल करने के लिये शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "अब्लक़ घोड़े सुवार" का मुत़ालआ कीजिये ।
<
दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार
सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में पढ़े जाने वाले
6 दुरूदे पाक और 2 दुआएं
{1} शबे जुमुआ का दुरूद :
اَللّٰہُمَّ صَلِّ وَسَلِّمْ وَبَارِکْ عَلٰی سَیِّدِنَامُحَمَّدِنِ النَّبِیِّ الْاُمِّیِّ الْحَبِیْبِ الْعَالِی الْقَدْرِالْعَظِیْمِ
وَعَلٰی اٰلِہٖ وَصَحْبِہٖ وَسَلِّمْ الْجَاہِ
बुज़ुर्गों ने फ़रमाया कि जो शख़्स हर शबे जुमुआ (जुमुआ और जुमा'रात की दरमियानी रात) इस दुरूद शरीफ़ को पाबन्दी से कम अज़ कम एक मरतबा पढे़गा, तो मौत के वक़्त सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ियारत करेगा और क़ब्र में दाख़िल होते वक़्त भी यहां तक कि वोह देखेगा कि सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उसे क़ब्र में अपने रह़मत भरे हाथों से उतार रहे हैं । (اَفْضَلُ الصَّلَوات عَلٰی سَیِّدِ السّادات ص١٥١ملخصًا)
{2} तमाम गुनाह मुआफ़ :
اَللّٰہُمَّ صَلِّ عَلٰی سَیِّدِ نَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَّعَلٰی اٰلِہٖ وَسَلِّمْ
ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि ताजदारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : जो शख़्स येह दुरूदे पाक पढ़े, अगर खड़ा था, तो बैठने से पहले और बैठा था, तो खड़े होने से पहले उस के गुनाह मुआफ़ कर दिये जाएंगे । (اَیضاً ص ٦٥)
{3} रह़मत के सत्तर दरवाज़े : صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّدٍ
जो येह दुरूदे पाक पढ़ता है, तो उस पर रह़मत के 70 दरवाज़े खोल दिये जाते हैं । (اَلْقَوْلُ الْبَدِیْع ص٢٧٧)