Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

Book Name:Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

इतनी मालिय्यत की रक़म या इतनी मालिय्यत का तिजारत का माल या इतनी मालिय्यत का (ह़ाजाते अस्लिया से ज़ाइद) सामान हो और उस पर अल्लाह पाक या बन्दों का इतना क़र्ज़ा न हो जिसे अदा कर के बयान कर्दा निसाब बाक़ी न रहे । (आलमगीरी, 1 / 187, मुलख़्ख़सन)

        फु़क़हाए किराम رَحِمَہُمُ اللہُ السَّلَام फ़रमाते हैं : ह़ाजते अस्लिया (या'नी ज़रूरिय्याते ज़िन्दगी) से मुराद वोह चीज़ें हैं जिन की उ़मूमन इन्सान को ज़रूरत होती है और उन के बिग़ैर गुज़र अवक़ात में शदीद तंगी व दुशवारी मह़सूस होती है, जैसे रहने का घर, पहनने के कपड़े, सुवारी, इ़ल्मे दीन से मुतअ़ल्लिक़ किताबें और पेशे से मुतअ़ल्लिक़ औज़ार वग़ैरा । (आलमगीरी, 1 / 172, मुलख़्ख़सन)

        कई अह़ादीसे मुबारका में क़ुरबानी के फ़ज़ाइल वारिद हुवे हैं । आइये ! उन में से दो फ़रामैने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनिये :

 -1ह़ज़रते सय्यिदुना ज़ैद बिन अरक़म رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं : सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان ने अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! येह क़ुरबानियां क्या हैं ? आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : तुम्हारे बाप इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام की सुन्नत हैं । सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان ने अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! इन में हमारे लिये क्या सवाब है ? फ़रमाया : हर बाल के बदले एक नेकी है । अ़र्ज़ की : और ऊन में ? फ़रमाया : इस के हर बाल के बदले भी एक नेकी है । (ابن ماجہ ،کتاب الاضاحی ،باب ثواب الاضحیہ ،رقم ۳۱۲۷ ،ج۳ ،ص ۵۳۱)

 -2एक और ह़दीसे मुबारका में है : ऐ लोगो ! ख़ुश दिली से क़ुरबानी किया करो और उन के ख़ून पर अल्लाह पाक की रिज़ा और अज्र की उम्मीद रखो अगर्चे वोह ज़मीन पर गिर चुका हो क्यूंकि वोह अल्लाह पाक की ह़िफ़ाज़त में गिरता है । ( العجم الاوسط ، الحدیث: ۸۳۱۹، ج۶، ص ۱۴۸)

       मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! याद रखिये ! जिस शख़्स पर शरई़ उसूलों की बिना पर क़ुरबानी वाजिब है, उस पर क़ुरबानी से मुतअ़ल्लिक़ मसाइल सीखना भी लाज़िम हैं । फ़ी ज़माना इ़ल्मे दीन से दूरी के बाइ़स मुसलमान इस