Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

Book Name:Hazrat Ibraheem Ki Qurbaniyain

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : जब अपने बाप से फ़रमाया : ऐ मेरे बाप ! तुम क्यूं ऐसे की इ़बादत कर रहे हो, जो न सुनता है और न देखता है और न तुझे कोई फ़ाइदा पहुंचा सकता है । ऐ मेरे बाप ! बेशक मेरे पास वोह इ़ल्म आया जो तेरे पास नहीं आया, तो तू मेरी पैरवी कर, मैं तुझे सीधी राह दिखा दूंगा ।

मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आयते मुबारका में ह़ज़रते इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام  के चचा को बाप से ता'बीर किया गया है, इस की वज्ह बयान करते हुवे ह़ज़रते सदरुल अफ़ाज़िल, मौलाना मुफ़्ती सय्यिद मुह़म्मद नई़मुद्दीन मुरादाबादी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : क़ामूस में है कि "आज़र" ह़ज़रते इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام के चचा का नाम है । इमाम अ़ल्लामा जलालुद्दीन सुयूत़ी (رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ) ने "मसालिकुल ह़ुनफ़ा" में भी ऐसा ही लिखा है : चचा को बाप कहना तमाम मुमालिक में मा'मूल है, बिल ख़ुसूस अ़रब में, क़ुरआने करीम में है : قَالُوْا نَعْبُدُ اِلٰهَكَ وَ اِلٰهَ اٰبَآىٕكَ اِبْرٰهٖمَ وَ اِسْمٰعِیْلَ وَ اِسْحٰقَ اِلٰهًا وَّاحِدًا      ۖۚइस में ह़ज़रते इस्माई़ल को ह़ज़रते या'क़ूब के आबा में ज़िक्र किया गया है, बा वुजूद येह कि आप अ़म (या'नी चचा) हैं । (ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान, स. 261)

        अल ग़रज़ ! आप عَلَیْہِ السَّلَام ने अपने चचा को हर त़रह़ से समझाया, लेकिन वोह अपने आबाओ अज्दाद के दीन को छोड़ने पर राज़ी न हुवा और इन्तिहाई सख़्त लहजे में जवाब दिया, जिसे क़ुरआने पाक ने पारह 16, सूरए मरयम की आयत नम्बर 46 में इन लफ़्ज़ों में बयान फ़रमाया है :

قَالَ اَرَاغِبٌ اَنْتَ عَنْ اٰلِهَتِیْ یٰۤاِبْرٰهِیْمُۚ-لَىٕنْ لَّمْ تَنْتَهِ لَاَرْجُمَنَّكَ وَ اهْجُرْنِیْ مَلِیًّا(۴۶)(پ 16، المریم، 46)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बोला : क्या तू मेरे मा'बूदों से मुंह फेरता है ? ऐ इब्राहीम ! बेशक अगर तू बाज़ न आया, तो मैं तुझे पथ्थर मारूंगा और तू अ़र्सए दराज़ के लिये मुझे छोड़ दे ।