Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
भाइयों के साथ मिल जुल कर रहें और इस त़रह़ एक ख़ुश ह़ाल ख़ानदान में ना इत्तिफ़ाक़ी और लड़ाई, झगड़े की नौबत नहीं आएगी ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! हमारे बुज़ुर्गाने दीन अपने बहन भाइयों के साथ ह़ुस्ने सुलूक करते, अपने दिल में उन के लिये नर्मी व मह़ब्बत रखते, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखते और अगर कोई उन की इन मह़ब्बतों को तोड़ने की कोशिश करता, तो वोह इस शैत़ानी वारों को नाकाम बना देते और सामने वाले को ऐसा जवाब देते कि वोह मायूस हो कर लौट जाता । चुनान्चे,
मेरे आक़ा आ'ला ह़ज़रत, इमामे अहले सुन्नत, अ़ज़ीमुल बरकत, इमाम अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ अपने छोटे भाई मौलाना मुह़म्मद रज़ा ख़ान से बड़ी मह़ब्बत फ़रमाते थे । एक बार मौलाना मुह़म्मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने अपनी ज़ौजा के लिये सोने के कंगन बनवाए, किसी चुग़ल ख़ोर ने आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ से इस बात का तज़किरा किया, तो इमामे अहले सुन्नत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने बड़ा ख़ूब सूरत जवाब देते हुवे इरशाद फ़रमाया : अगर (मेरे भाई) मौलाना मुह़म्मद रज़ा ने येह कंगन अपने माल से बनवाए हैं, तो मुझे ख़ुशी है कि अल्लाह पाक ने मेरे भाई को इस क़दर माल अ़त़ा फ़रमाया है और अगर उन्हों ने मेरे माल से बनवाए हैं, तो मुझे इस से भी ज़ियादा ख़ुशी है कि मेरा भाई मेरे माल को अपना माल समझता है । येह जवाब सुन कर वोह चुग़ल ख़ोर नाकाम व ना मुराद और मायूस हो कर लौट गया । (आ'ला ह़ज़रत के पसन्दीदा वाक़िआत, स. 35)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा वाक़िए़ में जहां सय्यिदी आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की अपने भाई से मह़ब्बत का अन्दाज़ मा'लूम हुवा, वहीं येह भी पता चला कि किसी दूसरे की बातों में आ कर अपने बहन भाइयों के बारे में त़रह़ त़रह़ की बद गुमानी करना, उन की इ़ज़्ज़त की धज्जियां बिखेरना,