Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

कशी या'नी दूरी इख़्तियार कर लेते और कई कई महीनों तक उन की ख़ैरिय्यत भी दरयाफ़्त नहीं करते । फ़ी ज़माना बिल ख़ुसूस बहनों के साथ जो सुलूक किया जाता है किसी से पोशीदा नहीं । اَلْاَمَان وَالْحَفِیْظ

          आइये ! बहन के साथ सिलए रेह़मी न करने और उस के ह़ुक़ूक़ से ला परवाही बरतने वाले शख़्स का इ़ब्रतनाक वाक़िआ सुनिये और ख़ौफे़ ख़ुदा से लरज़ जाइये ! चुनान्चे,

बरहूत नामी कुंवां !

        मन्क़ूल है कि एक अमीर शख़्स ने ह़ज का इरादा किया, तो एक और अमीर शख़्स के पास अ़रफ़ा से लौटने तक बत़ौरे अमानत हज़ार दीनार रखे, जब वापस आया, तो उसे मरा हुवा पाया, उस ने अपने माल के मुतअ़ल्लिक़ उस की औलाद से दरयाफ़्त किया लेकिन उस की कोई ख़बर न थी । लिहाज़ा उस ने मक्कए मुकर्रमा के उ़लमाए किराम से इस मसअले का ह़ल दरयाफ़्त किया, तो उन्हों ने इरशाद फ़रमाया : जब आधी रात हो, तो आबे ज़मज़म के कुंवें के पास आ कर उस में देखना और फिर उस मरने वाले शख़्स का नाम ले कर आवाज़ देना, अगर वोह अहले ख़ैर में से हुवा, तो पहली ही बार पुकारने पर तुम्हें जवाब देगा । चुनान्चे, वोह गया और उस में आवाज़ दी लेकिन किसी ने उसे जवाब न दिया । उस ने उ़लमाए किराम को वापस आ कर बताया, तो उन्हों ने اِنَّا لِلہِ وَاِنَّآ اِلَیْہِ رٰجِعُوْنَ पढ़ा और फ़रमाया कि हमें ख़ौफ़ है कि तुम्हारा दोस्त जहन्नमियों में से है । अब तुम यमन जाओ, वहां एक "बरहूत" नामी कुंवां है, मन्क़ूल है कि वोह जहन्नम के मुंह पर है, वहां रात के वक़्त जा कर देखना और पुकारना : ऐ फ़ुलां ! वोह तुम्हारी आवाज़ का जवाब देगा । चुनान्चे, वोह यमन गया और जा कर उस कुंवें के बारे में लोगों से दरयाफ़्त किया, तो उस की रहनुमाई वहां तक कर दी गई । लिहाज़ा रात के वक़्त उस ने वहां जा कर आवाज़ दी : ऐ फ़ुलां ! पस उस के दोस्त ने उस की आवाज़ का जवाब दिया, तो उस ने पूछा : मेरे दीनार कहां हैं ? उस ने जवाब दिया : मैं ने अपने घर की फ़ुलां जगह उसे दफ़्न कर दिया और अपने बच्चों को भी नहीं बताया । उन के पास जाओ और वहां