Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
है ? मैं ने कहा : जी नहीं ! तो उन्हों ने इरशाद फ़रमाया : तुम्हारा कोई बड़ा भाई है ? मैं ने कहा : जी हां ! आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने इरशाद फ़रमाया : उस के मुआमले में अल्लाह पाक से डरते रहो, उस के साथ ह़ुस्ने सुलूक का बरताव करो और क़त़ए़ तअ़ल्लुक़ी से बाज़ रहो । (شعب الایمان، ۶/ ۲۱۰، حدیث:۷۹۲۸)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बड़े भाई को भी चाहिये कि येह ज़ेहन बनाए कि छोटे ही मेरी इ़ज़्ज़त करें, मैं चाहे उन के साथ सख़्त लहजे में बात करूं । याद रखिये ! इस्लाम ने हर एक के ह़ुक़ूक़ व आदाब बयान फ़रमाए हैं । जहां छोटों को ह़ुक्म दिया कि अपने बड़ों का अदब करें, वहीं बड़ों को भी ह़ुक्म दिया कि वोह भी छोटों से शफ़्क़त व मह़ब्बत का बरताव करें, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखें, उन की अच्छी तरबिय्यत करें । आइये ! इस बारे में 2 फ़रामैने मुस्त़फ़ा सुनिये । चुनान्चे,
- इरशाद फ़रमाया : لَیْسَ مِنَّامَنْ لَّمْ یَرْحَمْ صَغِیْرَنَاوَیُوَ قِّرْ کَبِیْرَنَاوَیَعْرِفْ لَنَا حَقَّنَا जो हमारे छोटों पर रह़म न करे, हमारे बड़ों की इ़ज़्ज़त न करे और मुसलमान का ह़क़ न जाने, वोह हम से नहीं । (معجم الکبیر،١١/ ٣٥٥، حدیث:١٢٢٧٦)
- रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से इरशाद फ़रमाया : बड़ों की इ़ज़्ज़त करो, छोटों पर रह़म करो, मैं और तुम क़ियामत में यूं आएंगे । आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपनी उंगलियों को एक साथ मिलाया । (المطالب العالیہ،کتاب الرقاق،باب الوصایا النافعۃ، ٧/٥٧٠ حدیث:٣١٤٣)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि प्यारे करीम आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने हमें छोटे बहन भाइयों के साथ शफ़्क़त करने, बड़ों का अदबो एह़तिराम करने का ह़ुक्म दिया है लेकिन अफ़्सोस कि फ़ी ज़माना जिस त़रह़ हम नेक कामों से दूर होते जा रहे हैं, वहीं बहन भाइयों के साथ ह़ुस्ने सुलूक करने, उन की ह़ाजत रवाई करने, उन के दुख सुख में काम आने, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखने से भी दूर होते जा रहे हैं बल्कि बा'ज़ तो ऐसे बद नसीब भी हैं जो वालिदैन के रुख़्सत होने के साथ ही बहन भाइयों से कनारा