Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
कहा जाएगा : येह उस ईज़ा (या'नी तक्लीफ़) का बदला है जो तू मोमिनों को दिया करता था । (اَلتَّرْغِیب وَالتَّرْہِیب،ج۴ ص۲۸۰ حدیث ۵۶۴۹)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! ख़ौफे़ ख़ुदा और अ़ज़ाबे जहन्नम से लरज़ जाइये ! अगर कभी किसी मुसलमान की बिला वज्हे शरई़ दिल आज़ारी की हो, तो आप का चाहे उस से कैसा ही क़रीबी रिश्ता हो, बड़ा भाई हो या बड़ी बहन, वालिदा हो या सुसर, शौहर हो या बीवी या आप कितने ही बड़े रुत्बे वाले या मालदार हों, बिग़ैर शर्माए तौबा कर लीजिये और उस से मुआफ़ी मांग कर उस को राज़ी कर लीजिये, वरना जहन्नम का हौलनाक अ़ज़ाब बरदाश्त नहीं हो सकेगा ।
याद रखिये ! जिस त़रह़ किसी मुसलमान की दिल आज़ारी करना बहुत बड़ा गुनाह है, इसी त़रह़ उस के दिल में ख़ुशी दाख़िल करना बहुत बड़ी नेकी और सआदत मन्दी की बात है । जो किसी मुसलमान के दिल में ख़ुशी दाख़िल करता है, अल्लाह पाक उस को बे शुमार इन्आमो इकराम के साथ साथ जन्नत में दाख़िला अ़त़ा फ़रमाता है । चुनान्चे,
फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : मैं ने एक शख़्स को जन्नत में घूमते हुवे देखा कि जिधर चाहता है, निकल जाता है क्यूंकि उस ने इस दुन्या में एक ऐसे दरख़्त को रास्ते से काट दिया था जो कि लोगों को तक्लीफ़ देता था । ( مُسلِم، کتاب البر والصلۃ ،باب فضل ازالۃ الاذی عن الطریق، ص۱۰۸۲ حدیث ۶۶۷۱)
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ अपने मुरीदीन व मुह़िब्बीन को इस बात की तल्क़ीन करते रहते हैं कि ह़त्तल इमकान कोशिश करें कि आप की ज़ात से कभी किसी का दिल न दुखे और न कोई तक्लीफ़ पहुंचे ।
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ ! आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में ख़िदमते दीन के कमो बेश 104 शो'बाजात में नेकी की दा'वत आम करने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शो'बा