Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
इनफ़िरादी कोशिश करना तो हमारा मदनी इनआम भी है । चुनान्चे, मदनी इनआम 55 है : क्या आप ने इस हफ़्ते कम अज़ कम एक इस्लामी भाई को (जो पहले मदनी माह़ोल में थे मगर अब नहीं आते) तलाश कर के उन को मदनी माह़ोल से वाबस्ता करने की कोशिश की ? (मगर जिस पर तन्ज़ीमी पाबन्दी हो, उसे न छेड़ें)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! दीने इस्लाम ने बहनों के ह़ुक़ूक़ भी उजागर फ़रमाए और अपने मानने वालों को अपनी सगी व रज़ाई़ बहनों के साथ भी ह़ुस्ने सुलूक से पेश आने का दर्स दिया है क्यूंकि बहनें ही भाइयों के नख़रे बरदाश्त करती हैं, उन की फ़रमाइशें पूरी करती हैं, दुख सुख की घड़ी में भाइयों का साथ देती हैं, बहनें ही अपने भाइयों के लिये दुआएं करती हैं, वालिदा के इन्तिक़ाल के बा'द घर का सारा काम काज अपने ज़िम्मे ले कर वालिदा की कमी मह़सूस नहीं होने देतीं जब कि ज़मानए जाहिलिय्यत में इन के साथ इन्तिहाई बुरा सुलूक किया जाता था ।
औरतों के सब से बड़े ख़ैर ख़्वाह, अल्लाह के मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : जिस की 3 बेटियां या 3 बहनें या 2 बेटियां या 2 बहनें हों और उस ने उन के साथ ह़ुस्ने सुलूक किया और उन के बारे में अल्लाह पाक से डरता रहा, तो उसे जन्नत मिलेगी । (ترمذى،کتاب البر والصلۃ ،باب ما جاء فی النفقۃ ۔۔الخ ۳/۳۶۷، حدیث:۱۹۲۳)
ह़ज़रते सय्यिदुना जाबिर बिन अ़ब्दुल्लाह رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھُمَا ने अपनी बहनों की मह़ज़ निगहदाश्त, उन की कंघी, चोटी और अच्छी तरबिय्यत की ख़ात़िर एक बेवा औरत से निकाह़ किया । (مسلم،کتاب الرضاع،باب استباب البکر، حدیث : ۳۶۴۱ )
रज़ाई़ बहन के साथ ह़ुस्ने सुलूक
प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ अपनी रज़ाई़ या'नी दूध शरीक बहनों के साथ भी ह़ुस्ने सुलूक करते, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखते थे । चुनान्चे,