Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

वोह सारी ज़िन्दगी उस के ज़ेहन में पुख़्ता रहता है क्यूंकि बच्चे का दिमाग़ मिस्ले मोम होता है, उसे जिस सांचे में ढालना चाहें, ढाला जा सकता है ।

        बच्चे की याद दाश्त एक ख़ाली तख़्ती की मानिन्द होती है, उस पर जो लिखा जाएगा सारी उ़म्र के लिये मह़फ़ूज़ हो जाएगा, बच्चे का ज़ेहन ख़ाली खेत की मिस्ल है, उस में जैसा बीज बोएंगे, उसी मे'यार की फ़सल ह़ासिल होगी । येही वज्ह है कि अगर बच्चों को बचपन ही से मह़ब्बत का दर्स दिया जाए, तो उन के दिल में हर एक के लिये मह़ब्बत पैदा होगी, अगर बच्चों को बचपन से सलाम करने में पहल करने की आदत डाली जाए, तो वोह उ़म्र भर इस आदत को नहीं छोड़ते, अगर उन्हें सच बोलने की आदत डाली जाए, तो वोह सारी उ़म्र झूट से बेज़ार रहते हैं, अगर उन्हें सुन्नत के मुत़ाबिक़ खाने, पीने, बैठने, जूता पहनने, लिबास पहनने, सर पर इ़मामा बांधने और बालों में कंघी वग़ैरा करने का आदी बनाया जाए, तो वोह न सिर्फ़ ख़ुद इन पाकीज़ा आदात को अपनाए रखते हैं बल्कि उस के येह मदनी औसाफ़ उस की सोह़बत में रहने वाले दीगर बच्चों में भी मुन्तक़िल होना शुरूअ़ हो जाते हैं ।

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्क़ा"

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अगर आप चाहते हैं कि हम और हमारी औलाद अपने बहन, भाइयों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्त, अह़बाब से ह़ुस्ने सुलूक करने वाले बन जाएं, तो आज ही आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के पाकीज़ा मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में ख़ूब बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लीजिये । ज़ैली ह़ल्के़ के इन 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम नमाज़े फ़ज्र के बा'द "मदनी ह़ल्क़ा" भी है ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! इस मदनी ह़ल्क़े में नमाज़े फ़ज्र के बा'द तीन आयाते क़ुरआनी की तिलावत मअ़ तर्जमए कन्ज़ुल ईमान व तफ़्सीरे ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान / तफ़्सीरे नूरुल इ़रफ़ान / तफ़्सीरे सिरात़ुल जिनान, दर्से फै़ज़ाने सुन्नत (4