Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook

बेटे की शादी तुम्हारी अन्धी लड़की से नहीं कर सकती" अब उसे अपने अन्दाज़ पर नदामत होने लगी लेकिन अब क्या फ़ाइदा ! बेटे की आंख तो जा चुकी थी । (जैसी करनी, वैसी भरनी, स. 47)

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा ह़िकायत में हमारे लिये इ़ब्रत के मदनी फूल हैं कि जब एक बहन ने दूसरी बहन को चुभते हुवे जुम्ले बोले जिस की वज्ह से उस बहन की दिल आज़ारी हुई, तो "जैसी करनी, वैसी भरनी" के मुत़ाबिक़ उस के लड़के की आंख भी ज़ाएअ़ हो गई और वोह भी एक आंख से अन्धा हो गया ।

          याद रखिये ! दिल आज़ारी करना गुनाहे कबीरा और जहन्नम में ले जाने वाला काम है मगर आह ! आज कल बेबाकी का दौर दौरा है, बिला वज्ह मुसलमानों का दिल दुखाना, उन्हें त़रह़ त़रह़ से अज़िय्यत पहुंचाना आम होता जा रहा है, ह़ालांकि दिल आज़ारी करने वाले अल्लाह पाक की नाराज़ी मोल लेते हैं, दिल आज़ारी करने वाले मुआशरे में इ़ज़्ज़त की निगाह से नहीं देखे जाते और दिल आज़ारी करने वालों को दर्दनाक अ़ज़ाबात का सामना करना पड़ेगा । चुनान्चे,

दिल हिला देने वाली ख़ारिश

        ह़ज़रते सय्यिदुना यज़ीद बिन शजरह رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : जिस त़रह़ समुन्दर के किनारे होते हैं, इसी त़रह़ जहन्नम के भी किनारे हैं, जिन में बुख़्ती ऊंटों जैसे सांप और ख़च्चरों जैसे बिच्छू रहते हैं । अहले जहन्नम जब अ़ज़ाब में कमी के लिये फ़रयाद करेंगे, तो ह़ुक्म होगा : किनारों से बाहर निकलो ! वोह जूंही निक्लेंगे, तो वोह सांप उन्हें होटों और चेहरों से पकड़ लेंगे और उन की खाल तक उतार लेंगे, वोह लोग वहां से बचने के लिये आग की त़रफ़ भागेंगे फिर उन पर खुजली मुसल्लत़ कर दी जाएगी, वोह इस क़दर खुजाएंगे कि उन का गोश्त पोस्त सब झड़ जाएगा और सिर्फ़ हड्डियां रह जाएंगी । पुकार पड़ेगी : ऐ फ़ुलां ! क्या तुझे तक्लीफ़ हो रही है ? वोह कहेगा : हां ! तो