Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
उन के साथ लड़ाई, झगड़ा करना, उन के ऐबों को सारे ज़माने में उछालना बहुत ही बुरा काम है मगर अफ़्सोस ! आज कल हमारी गुफ़्तगू में ग़ीबत व चुग़ली बहुत आम होती जा रही है, जहां दो अफ़राद मिल कर बैठे वहीं तीसरे शख़्स की ग़ीबत और चुग़ली का न ख़त्म होने वाला सिलसिला शुरूअ़ हो जाता है । दोस्तों की बैठक हो या मज़हबी इजतिमाअ़ के बा'द जमघट, शादी की तक़रीब हो या ता'ज़ियत की निशस्त, किसी से मुलाक़ात हो या फ़ोन पर बात, चन्द मिनट भी अगर किसी से गुफ़्तगू की सूरत बने और दीनी मा'लूमात रखने वाला कोई ह़ुस्सास फ़र्द अगर उस गुफ़्तगू की तफ़्तीश करे, तो शायद अक्सर मजालिस में दीगर गुनाहों भरे अल्फ़ाज़ के साथ साथ वोह दरजनों चुग़लियां भी साबित कर दे । फ़ी ज़माना दो भाइयों में नफ़रत व फ़साद से ले कर ख़ानदान में लड़ाई, झगड़े और क़त्लो ग़ारत गरी का एक सबब "चुग़ल ख़ोरी" है । चुग़ल ख़ोर मह़ब्बतों का चोर है, चुग़ल ख़ोर अ़क़्लों के दुश्मन हैं, चुग़ल ख़ोर नफ़रतें फैलाने का सबब है, चुग़ल ख़ोर लड़ाई, झगड़े करवाने वाली शैत़ानी मशीन है । आइये ! चुग़ल ख़ोरी के मुतअ़ल्लिक़ 3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनते हैं । चुनान्चे,
- इरशाद फ़रमाया : तुम में मेरे सब से ज़ियादा ना पसन्दीदा लोग वोह चुग़ल ख़ोर हैं जो दोस्तों के दरमियान तफ़रिक़ा डालें और पाक दामन लोगों में ऐब ढूंडें ।(مجمع الزوائد،کتاب الادب،باب ماجاءفی حسن الخلق، ۸/۴۸، رقم: ۱۶۶۶۸)
- इरशाद फ़रमाया : ग़ीबत और चुग़ली ईमान को इस त़रह़ क़त़अ़ कर देती हैं, जैसे चरवाहा दरख़्त को काट देता है । (الترغیب والترہیب ، کتاب الادب ، باب الترھیب من الغیبۃ۔۔ ۔الخ ۳/۴۰۵، الحدیث:۴۳۶۲)
- इरशाद फ़रमाया : لَا یَدْخُلُ الجَنَّۃَ قتات चुग़ल ख़ोर जन्नत में दाख़िल नहीं होगा । (بخاری، کتاب الادب،باب مایکرہ من النمیمۃ، ۴/۱۱۵،الحدیث۶۰۵۶)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि चुग़ल ख़ोर अल्लाह व रसूल के ना फ़रमानों में शामिल हो जाता है, चुग़ल ख़ोरी ईमान की बरबादी का सबब है, चुग़ल ख़ोर जन्नत में दाख़िल नहीं होगा । लिहाज़ा हमें चाहिये कि