Book Name:Jhoot Ki Badboo
( مسلم،کتاب المساقاۃ،باب تحریم الظلم، ص۶۶۹،حدیث:۴۱۳۳)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि झूट की कैसी तबाहकारियां हैं कि झूट बोलने के सबब एक औ़रत को कितनी दर्दनाक और इ़ब्रतनाक मौत आई । याद रहे ! अल्लाह करीम ने इन्सान को बे शुमार ने'मतों से नवाज़ा है, उन ने'मतों में से एक अ़ज़ीम ने'मत "ज़बान" भी है, येह ब ज़ाहिर गोश्त की एक छोटी सी बोटी है मगर अल्लाह करीम की अ़ज़ीमुश्शान ने'मत है । इस ने'मत की क़द्र तो शायद गूंगा (Dumb) ही जान सकता है । इस का दुरुस्त इस्ति'माल जन्नत में और ग़लत़ इस्ति'माल दोज़ख़ में दाख़िल करवा सकता है ।
अगर कोई अपनी ज़बान का दुरुस्त इस्ति'माल करते हुवे इख़्लास के साथ कलिमए त़य्यिबा पढ़े, तो उस के लिये जन्नत वाजिब हो जाती है । जैसा कि नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने "لَاۤ اِلٰہَ اِلَّااللہُ" कहा वोह जन्नत में दाख़िल होगा और उस के लिये जन्नत वाजिब हो जाएगी । (مستدرک حاکم، کتاب التو بة والانابة،باب من قال لا الٰہ ..الخ، ۵/۳۵۶، حدیث:۷۷۱۳)
अगर येही ज़बान अल्लाह पाक की ना फ़रमानी में चले, तो बहुत बड़ी आफ़त का सामान है । जैसा कि फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : इन्सान की अक्सर ख़त़ाएं उस की ज़बान से होती हैं । (شعب الایمان،باب فی حفظ اللسان،۴ /۲۴۰، حدیث:۴۹۳۳ )
ज़बान के ग़लत़ इस्ति'माल की एक सूरत "झूट बोलना" भी है । झूटा शख़्स लोगों में अपना ए'तिमाद ज़ाएअ़ कर के ज़लील भी होता है और अल्लाह करीम की नूरी मख़्लूक़ या'नी फ़िरिश्ते भी ऐसे शख़्स के पास नहीं आते । जैसा कि ह़दीसे पाक में है : जब बन्दा झूट बोलता है, उस की बदबू से फ़िरिश्ता एक मील दूर हो जाता है । (ترمذی،باب ماجاء فی الصدق والکذب،۳/۳۹۲،حدیث:۱۹۷۹)
झूटे आदमी के मुंह से उठने वाली बदबू
ह़ज़रते सय्यिदुना इमाम अ़ब्दुर्रह़मान इबने जौज़ी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : जब मोमिन बिला उ़ज़्र झूट बोलता है, तो उस के मुंह (Mouth) से बदबूदार चीज़ निकलती है, यहां तक कि वोह अ़र्श पर पहुंच जाती है, अ़र्श उठाने वाले