Jhoot Ki Badboo

Book Name:Jhoot Ki Badboo

1.     जब किसी को छींक आए और वोह اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कहे, तो फ़िरिश्ते कहते हैं : رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ और अगर वोह رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ कहता है, तो फ़िरिश्ते कहते हैं : अल्लाह पाक तुझ पर रह़म फ़रमाए । (معجم کبیر،۱۱/۳۵۸،حدیث:۱۲۲۸۴)

٭ छींक के वक़्त सर झुकाइये, मुंह छुपाइये और आवाज़ आहिस्ता निकालिये, छींक की आवाज़ बुलन्द करना बे वुक़ूफ़ी है । (رَدُّالْمُحتار،۹/۶۸۴) ٭ छींक आने पर اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कहना चाहिये (ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान, सफ़ह़ा नम्बर 3 पर त़ह़्त़ावी के ह़वाले से छींक आने पर ह़म्दे इलाही करने को सुन्नते मोअक्कदा लिखा है) बेहतर येह है कि اَلْحَمْدُلِلّٰہِ رَبِّ الْعٰلَمِیْن या اَلْحَمْدُلِلّٰہِ عَلٰی کلِّ حَال कहे । ٭ सुनने वाले पर वाजिब है कि फ़ौरन یَرْحَمُکَ اللہ (या'नी अल्लाह पाक तुझ पर रह़म फ़रमाए) कहे और इतनी आवाज़ से कहे कि जिसे छींक आई, वोह ख़ुद सुन ले । (बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा 16, स. 119) ٭ जवाब सुन कर छींकने वाला कहे : یَغْفِرُاللہُ لَنَاوَلَکُمْ (या'नी अल्लाह पाक हमारी और तुम्हारी मग़फ़िरत फ़रमाए) या येह कहे : یَھْدِیْکُمُ اللہُ وَیُصْلِحُ بَالَکُمْ (या'नी अल्लाह पाक तुम्हें हिदायत दे और तुम्हारा ह़ाल दुरुस्त करे) ।  (फ़तावा हिन्दिया, 5 / 326) ٭ ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान नई़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : जो कोई छींक आने पर اَلْحَمْدُلِلّٰہِ عَلٰی کلِّ حَال कहे और अपनी ज़बान सारे दांतों पर फेर लिया करे, तो اِنْ شَآءَ اللّٰہ दांतों की बीमारियों से मह़फ़ूज़ रहेगा । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 396) ٭ ह़ज़रते सय्यिदुना अ़ली رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : जो कोई छींक आने पर اَلْحَمْدُلِلّٰہِ عَلٰی کلِّ حَال कहे, तो वोह दाढ़ और कान के दर्द में कभी मुब्तला नहीं होगा ।  (مرقاۃ المفاتیح، ۸/ ۴۹۹،تحت الحدیث:۴۷۳۹) ٭ छींक का जवाब एक मरतबा वाजिब है, दूसरी बार छींक आए और वोह اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कहे, तो दोबारा जवाब वाजिब नहीं बल्कि मुस्तह़ब है । (फ़तावा हिन्दिया, 5 / 326) ٭ जवाब उस सूरत में वाजिब होगा जब छींकने वाला اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कहे और (अगर) ह़म्द न करे, तो जवाब नहीं । (बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा 16, स. 120)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد