Jhoot Ki Badboo

Book Name:Jhoot Ki Badboo

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! झूट बोलना मुसलमानों का काम नहीं, इस लिये कोशिश कर के हमेशा सच बोलने की आ़दत अपनाइये, ज़िन्दगी में चाहे कैसी ही मुश्किल घड़ी आ पड़े, सख़्त से सख़्त मुसीबत में गिरिफ़्तार क्यूं न हो जाएं, कभी झूट का सहारा नहीं लेना चाहिये बल्कि हमेशा सच का दामन थामे रहिये कि सच बोलने के बड़े फ़ज़ाइल हैं । अल्लाह पाक क़ियामत के दिन उन लोगों को बे शुमार इनआ़मो इकराम से नवाज़ेगा, जो लोग दुन्या में सच बोलने वाले होंगे । चुनान्चे, पारह 7, सूरतुल माइदा की आयत नम्बर 119 में इरशाद होता है :

هٰذَا یَوْمُ یَنْفَعُ الصّٰدِقِیْنَ صِدْقُهُمْؕ-لَهُمْ جَنّٰتٌ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًاؕ-رَضِیَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَ رَضُوْا عَنْهُؕ-ذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ(۱۱۹)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : येह (क़ियामत) वोह दिन है जिस में सच्चों को उन का सच नफ़्अ़ देगा, उन के लिये बाग़ हैं जिन के नीचे नहरें जारी हैं, वोह हमेशा हमेशा उस में रहेंगे, अल्लाह उन से राज़ी हुवा और वोह अल्लाह से राज़ी हुवे, येही बड़ी काम्याबी है ।

          ह़ज़रते अ़ल्लामा इस्माई़ल ह़क़्क़ी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : इस आयत से मा'लूम हुवा ! क़ियामत के दिन सच फ़ाइदा देगा, झूट और दिखावा करना किसी सूरत फ़ाइदा न देगा, लिहाज़ा अ़क़्लमन्द इन्सान को चाहिये कि सच्चाई

के रास्ते पर चलने की ख़ूब कोशिश करे क्यूंकि ईमान के बा'द सच्चाई को इख़्तियार करना बन्दे को नेक आ'माल की त़रफ़ माइल करता है ।

(روح البیان، المائدۃ، تحت الآیۃ: ۱۱۹، ۲/۴۶۷-۴۶۸)

          अल्लाह करीम हमें भी क़ियामत के दिन सच की बरकतें नसीब फ़रमाए और रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सच्ची ता'लीमात पर अ़मल की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए कि जिन्हों ने हमेशा ख़ुद भी सच्ची बात कही और लोगों को भी सच बोलने की तरग़ीब इरशाद फ़रमाई । नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का सच्चा और अमानत दार होना इस क़दर मश्हूर था कि वोह ग़ैर मुस्लिम जो रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की जान के दुश्मन थे, प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ