Book Name:Jhoot Ki Badboo
मदनी फूल : नेक और जाइज़ काम में जितनी अच्छी निय्यतें ज़ियादा, उतना सवाब भी ज़ियादा ।
٭ निगाहें नीची किये ख़ूब कान लगा कर बयान सुनूंगा । ٭ टेक लगा कर बैठने के बजाए इ़ल्मे दीन की ता'ज़ीम के लिये जहां तक हो सका दो ज़ानू बैठूंगा । ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ، वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वालों की दिलजूई के लिये बुलन्द आवाज़ से जवाब दूंगा । ٭ बयान के बा'द ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम व मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगा ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! झूट गुनाहे कबीरा, ह़राम और जहन्नम में ले जाने वाला काम है । आइये ! आज हम झूट की मज़म्मत पर आयात व अह़ादीस और इ़ब्रतनाक वाक़िआ़त सुनते हैं । पहले एक इ़ब्रतनाक ह़िकायत सुनिये । चुनान्चे,
ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश करने वाली अन्धी हो गई
अरवा नामी एक औ़रत ने ह़ज़रते सय्यिदुना सई़द बिन ज़ैद رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से घर के बा'ज़ ह़िस्से के बारे में झगड़ा किया । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने इरशाद फ़रमाया : येह ज़मीन उसी को दे दो, मैं ने रसूले अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को येह फ़रमाते सुना है : जिस शख़्स ने एक बालिश्त ज़मीन भी ना इन्साफ़ी करते हुवे ली, क़ियामत के दिन उस के गले में सात ज़मीनों का हार डाला जाएगा । इस के बा'द आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने दुआ़ फ़रमाई : ऐ अल्लाह पाक ! अगर येह झूटी है, तो इस को अन्धा (Blind) कर दे और इस की क़ब्र इसी घर में बना दे । रावी कहते हैं : मैं ने देखा कि वोह औ़रत अन्धी हो चुकी थी, दीवारों को हाथों से छू कर तलाश करती फिरती थी और कहती थी : मुझे सय्यिदुना सई़द बिन ज़ैद رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की बद दुआ़ लग गई है । आख़िरे कार एक दिन घर में चलते हुवे वोह कुंवें में गिर कर मर गई और वोही कुंवां उस की क़ब्र बन गया ।