Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
भाई) मौलाना मुह़म्मद रज़ा ने येह कंगन अपने माल से बनवाए हैं, तो मुझे ख़ुशी है कि अल्लाह पाक ने मेरे भाई को इस क़दर माल अ़त़ा फ़रमाया है और अगर उन्हों ने मेरे माल से बनवाए हैं, तो मुझे इस से भी ज़ियादा ख़ुशी है कि मेरा भाई मेरे माल को अपना माल समझता है । येह जवाब सुन कर वोह चुग़ल ख़ोर नाकाम व ना मुराद और मायूस हो कर लौट गया । (आ'ला ह़ज़रत के पसन्दीदा वाक़िआत, स. 35)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान कर्दा वाक़िए़ में जहां सय्यिदी आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की अपने भाई से मह़ब्बत का अन्दाज़ मा'लूम हुवा, वहीं येह भी पता चला कि किसी दूसरे की बातों में आ कर अपने बहन भाइयों के बारे में त़रह़ त़रह़ की बद गुमानी करना, उन की इ़ज़्ज़त की धज्जियां बिखेरना, उन के साथ लड़ाई, झगड़ा करना, उन के ऐबों को सारे ज़माने में उछालना बहुत ही बुरा काम है मगर अफ़्सोस ! आज कल हमारी गुफ़्तगू में ग़ीबत व चुग़ली बहुत आम होती जा रही है, जहां दो अफ़राद मिल कर बैठे वहीं तीसरे शख़्स की ग़ीबत और चुग़ली का न ख़त्म होने वाला सिलसिला शुरूअ़ हो जाता है । दोस्तों की बैठक हो या मज़हबी इजतिमाअ़ के बा'द जमघट, शादी की तक़रीब हो या ता'ज़ियत की निशस्त, किसी से मुलाक़ात हो या फ़ोन पर बात, चन्द मिनट भी अगर किसी से गुफ़्तगू की सूरत बने और दीनी मा'लूमात रखने वाला कोई ह़ुस्सास फ़र्द उस गुफ़्तगू की तफ़्तीश करे, तो शायद अक्सर मजालिस में दीगर गुनाहों भरे अल्फ़ाज़ के साथ साथ वोह दरजनों चुग़लियां भी साबित कर दे । फ़ी ज़माना दो भाइयों में नफ़रत व फ़साद से ले कर ख़ानदान में लड़ाई, झगड़े और क़त्लो ग़ारत गरी का एक सबब "चुग़ल ख़ोरी" है । चुग़ल ख़ोर मह़ब्बतों का चोर है, चुग़ल ख़ोर अ़क़्लों के दुश्मन हैं, चुग़ल ख़ोर नफ़रतें फैलाने का सबब है, चुग़ल ख़ोर लड़ाई, झगड़े करवाने वाली शैत़ानी मशीन है । आइये ! चुग़ल ख़ोरी के मुतअ़ल्लिक़ 4 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनिये । चुनान्चे,