Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
इस्लामी बहनों के लिये जगह कुशादा करूंगी । ٭ धक्का वग़ैरा लगा, तो सब्र करूंगी, घूरने, झिड़कने और उलझने से बचूंगी । ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ، वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वाली की दिलजूई के लिये पस्त आवाज़ से जवाब दूंगी । ٭ इजतिमाअ़ के बा'द ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम व मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगी । ٭ दौराने बयान मोबाइल के ग़ैर ज़रूरी इस्ति'माल से बचूंगी, न बयान रीकॉर्ड करूंगी, न ही और किसी क़िस्म की आवाज़ (कि इस की इजाज़त नहीं) । जो कुछ सुनूंगी, उसे सुन और समझ कर, उस पे अ़मल करने और उसे बा'द में दूसरों तक पहुंचा कर नेकी की दा'वत आम करने की सआदत ह़ासिल करूंगी ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
ह़-सनैने करीमैन की आपस में मह़ब्बत
ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है कि रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : किसी मुसलमान के लिये येह बात जाइज़ नहीं है कि वोह अपने भाई के साथ तीन दिन, रात से ज़ियादा क़त़ए़ तअ़ल्लुक़ करे । उन में जो बात चीत करने में पहल करेगा, वोह जन्नत की त़रफ़ जाने में भी सब्क़त करेगा । ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं कि मुझे येह बात पहुंची कि ह़ज़राते ह़-सनैने करीमैन के दरमियान कोई शकर रन्जी (या'नी नाराज़ी) हो गई है । मैं इमामे ह़ुसैन رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ की ख़िदमत में ह़ाज़िर हुवा और अ़र्ज़ की : लोग आप की पैरवी (Follow) करते हैं और आप ह़ज़रात एक दूसरे से नाराज़ हैं और आपस में क़त़ए़ तअ़ल्लुक़ या'नी बोल चाल बन्द कर रखी है । आप अभी इमामे ह़सन رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ के पास जाएं और उन्हें राज़ी करें क्यूंकि आप उन से छोटे हैं । इमामे ह़ुसैन رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : अगर मैं ने नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को येह फ़रमाते हुवे न सुना होता कि जब दो आदमियों के दरमियान क़त़ए़ तअ़ल्लुक़ हो जाए, तो उन में जो बात चीत करने में पहल करेगा, वोह पहले जन्नत में जाएगा । मैं मुलाक़ात करने में ज़रूर