Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
एक ऐसे दरख़्त को रास्ते से काट दिया था जो कि लोगों को तक्लीफ़ देता था । ( مُسلِم، کتاب البر والصلۃ ،باب فضل ازالۃ الاذی عن الطریق، ص۱۰۸۲ حدیث ۶۶۷۱)
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ अपने मुरीदीन व मुह़िब्बीन को इस बात की तल्क़ीन करते रहते हैं कि ह़त्तल इमकान कोशिश करें कि आप की ज़ात से कभी किसी का दिल न दुखे और न किसी को कोई तक्लीफ़ पहुंचे । इसी त़रह़ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ उम्मते मुस्लिमा की ख़ैर ख़्वाही की निय्यत से इस बात की भी तरग़ीब दिलाते रहते हैं कि अगर पहले कोई इस्लामी बहन मदनी माह़ोल में थी लेकिन अब नहीं है, तो उस से मुलाक़ात कर के उन को दोबारा मदनी माह़ोल में लाने की कोशिश करें ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ दा'वते इस्लामी दुन्या भर में मुसलमानों को गुनाहों से बचाने और नेकियों की राह पर लाने के लिये मसरूफे़ अ़मल है । इसी मदनी काम को मज़ीद बढ़ाने के लिये कमो बेश 104 शो'बाजात (Departments) में नेकी की दा'वत आम करने के लिये कोशां है, इन्ही शो'बाजात में से एक "मजलिसे मदनी इनआमात" भी है । इस मजलिस का बुन्यादी मक़्सद इस्लामी भाइयों, इस्लामी बहनों, जामिआतुल मदीना व मदारिसुल मदीना के त़लबा व त़ालिबात को बा अ़मल बनाना और उन्हें मदनी इनआमात पर अ़मल की तरग़ीब दिलाना है ।
शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ इरशाद फ़रमाते हैं कि काश ! दीगर फ़राइज़ व सुनन की बजा आवरी के साथ साथ तमाम इस्लामी भाई और बहनें इन मदनी इनआमात को भी अपनी ज़िन्दगी का दस्तूरुल अ़मल बना लें और तमाम ज़िम्मेदाराने दा'वते इस्लामी अपने ह़ल्के़ में इन मदनी इनआमात को आम करें ताकि हर मुसलमान अपनी क़ब्रो आख़िरत की बेहतरी के लिये इन को इख़्लास के साथ अपना कर