Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
लिबास पहनने की सुन्नतें और आदाब
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "163 मदनी फूल" से लिबास पहनने के मुतअ़ल्लिक़ मदनी फूल सुनिये । तीन फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मुलाह़ज़ा कीजिये :
- जिन्न की आंखों और लोगों के सित्र के दरमियान पर्दा येह है कि जब कोई कपड़े उतारे, तो बिस्मिल्लाह कह ले । (اَلْمُعْجَمُ الْاَ وْسَط ج۲ص۵۹حدیث ۲۵۰۴)
मश्हूर मुफ़स्सिरे क़ुरआन, ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : जैसे दीवार और पर्दे लोगों की निगाह के लिये आड़ बनते हैं, ऐसे ही येह अल्लाह पाक का ज़िक्र जिन्नात की निगाहों से आड़ बनेगा कि जिन्नात उस (या'नी शर्मगाह) को देख न सकेंगे । (मिरआतुल मनाजीह़, 1 / 268)
- जो शख़्स कपड़ा पहने और येह पढ़े : اَلْحَمْدُلِلّٰہِ الَّذِیْ کَسَانِیْ ھٰذَا وَرَزَقَنِیْہِ مِنْ غَیْرِحَوْلٍ مِّنِّیْ وَلَا قُوَّۃٍٍٍٍٍ तो उस के अगले, पिछले गुनाह मुआफ़ हो जाएंगे ।
(شُعَبُ الْاِیمان ج۵ ص۱۸۱ حدیث۶۲۸۵)
- जो बा वुजूदे क़ुदरत ज़ेबो ज़ीनत का लिबास पहनना तवाज़ोअ़ (या'नी आजिज़ी) के त़ौर पर छोड़ दे, अल्लाह पाक उस को करामत का ह़ुल्ला पहनाएगा । (ابوداؤد ج۴ص۳۲۶حدیث ۴۷۷۸)
٭ ख़ातमुल मुर्सलीन, रह़मतुल्लिल आलमीन صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का मुबारक लिबास अक्सर सफ़ेद कपड़े का होता । (کَشْفُ الاِلْتِباس فِی اسْتِحْبابِ اللِّباس ،ص۳۶) ٭ लिबास ह़लाल कमाई से हो और जो लिबास ह़राम कमाई से ह़ासिल हुवा हो, उस में फ़र्ज़ व नफ़्ल कोई नमाज़ क़बूल नहीं होती । (ऐज़न, स. 41) ٭ पहनते वक़्त सीधी त़रफ़ से शुरूअ़ कीजिये (कि सुन्नत है) मसलन जब कुर्ता पहनें, तो पहले सीधी आस्तीन में सीधा हाथ दाख़िल कीजिये फिर उल्टा हाथ उल्टी आस्तीन में । (ऐज़न, स. 43) ٭ इसी त़रह़ पाजामा पहनने में पहले सीधे पाइंचे में सीधा पाउं दाख़िल कीजिये और जब (कुर्ता या पाजामा) उतारने लगें, तो इस के बर अ़क्स